रायपुर। छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों की कमर तोड़ने और मुठभेड़ में घायल जवानों को दिन या रात में कभी भी रेस्क्यू करने के लिए नाइट लैंडिंग हेलीपैड बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर संभाग के सातों जिलों में अब हेलिकॉप्टर की नाइट लैंडिंग हो सकेगी। वर्तमान में संवेदनशील जगहों का चयन हेलिपैड बनाने के लिए किया गया है, जहां फोर्स की मौजूदगी है। सभी जिलों के अंदरुनी इलाकों में करोड़ों रुपए की लागत से 18 नए हेलीपैड बनेंगे। इससे एक तरफ जहां मुठभेड़ में घायल जवानों को रात में भी तुरंत एयरलिफ्ट करने की सुविधा मिलेगी, वहीं चुनाव के समय मतदान कर्मियों को भी इसी के माध्यम से अंदरुनी गांव तक पहुंचाया जा सकेगा।

बताते चलें कि बस्तर संभाग के जगदलपुर, दंतेवाड़ा समेत कुछ जिलों में पहले से ही हेलिकॉप्टर के नाइट लैंडिंग की सुविधा है। कुछ समय पहले मुठभेड़ में घायल हुए जवान को दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन कारली में हेलीपैड होने की वजह से रात में ही एयर एंबुलेंस से निकालकर इलाज के लिए रायपुर भेज दिया गया था। समय पर इलाज मिलने की वजह से जवानों की जान बच गई थी।

इस मामले में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता जी.आर रावटे ने बताया कि एक हेलीपैड के निर्माण के लिए लगभग 21 लाख 22 हजार रुपए का खर्च आएगा। इस तरह से 18 हेलिपैड बनाने में करीब 4 करोड़ 41 लाख रुपए का खर्च आएगा। कुछ हेलीपैड निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है और छह महीने के भीतर इन सभी हेलीपैड का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बस्तर में चुनाव के दौरान अंदरुनी इलाके में मतदानकर्मियों के पहुंचने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन हेलिपैड के बन जाने के बाद सड़क मार्ग से आने वाली टीमों पर नक्सली हमले का खतरा भी कम किया जा सकेगा।

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