रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान की सरकारी खरीदी शुरू हो रही है। धान खरीदी के मुद्दे पर राज्य सरकार एक बार फिर केंद्र सरकार के साथ तकरार की स्थिति बनती दिख रही है। इसके समाधान के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए समाधान करने का आग्रह किया है। मामला हल नहीं होने पर मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री से मिलने के लिए जा सकते हैं।

बताते चलें कि इस इस बार छत्तीसगढ़ सरकार ने 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी की है, जिसके लिए पांच लाख 25 हजार गठान जूट बारदानों की जरूरत होगी। हालांकि, जूट कमिश्नर ने महज दो लाख 14 हजार गठान बारदानों की सहमति दी है और अभी तक कुल 38 हजार गठान ही छत्तीसगढ़ पहुंच पाए हैं। केंद्र सरकार ने 61 लाख 65 हजार मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल पूल में लेने की मंजूरी दी है। ऐसे में राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने ही जूट कमिश्नर का पद बनाया है, जिसके माध्यम से सभी राज्यों को बारदानों की आपूर्ति होती है। हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि हमें अधिक बारदानों की जरूत होगी। हमने उसना चावल लेने का भी आग्रह किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री की ओर से अनुमति मिल जाती है, तो अच्छी बात है। अन्य उनसे मिलने का समय लेकर पूरे मंत्रिमंडल के साथ जाएंगे।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी से जुड़े मुद्दों पर प्रदेश के कांग्रेस-भाजपा सांसदों को पत्र लिखकर उनसे मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ के किसानों और उसना राइस मिल के मजदूरों का मुद्दा उठाने का आग्रह किया है।

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