रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी का प्रसारण 14 नवंबर को सुबह किया गया। मुख्यमंत्री लोकवाणी में इस बार उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल पर बातचीत की। छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक चले लोकवाणी के प्रसारण के दौरान जनता ने उनकी बातों को ध्यान से सुना। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि साथियों, आज लोकवाणी की तेइसवीं कड़ी का प्रसारण बहुत ही शुभ दिन में हो रहा है। आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन है, जिसे बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर लोकवाणी का प्रसारण एक सुखद संयोग है। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से मैं विशेष तौर पर प्यारे बच्चों को स्नेह-आशीर्वाद प्रेषित करता हूं।

निश्चित तौर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन, जिसे बाल दिवस के रूप में जाना जाता है, एक विशेष अवसर है। पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते हैं। और इसकी एक खास वजह थी कि वे देश की नई पीढ़ी को अपने विश्वास की छत्रछाया में पनपते हुए देखना चाहते थे। पंडित नेहरू को नई पीढ़ी पर अटूट भरोसा था। वास्तव में भारत को आजादी दिलाने में पंडित नेहरू ने अपने से बड़े और युवा लोगों के बीच समन्वय स्थापित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। उनकी सोच में बुजुर्गों के समान परिपक्वता थी तो युवाओं के समान ऊर्जा भी थी। यही वजह है कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में 9 साल से अधिक समय अंग्रेजों की जेल में बिताया, लेकिन न रुके, न झुके।

उनका जीवन त्याग, तपस्या और संघर्षों से भरा था, लेकिन इसके बावजूद वे बच्चों से संपर्क बनाए रखते थे। जेल से ही उन्होंने अपनी पुत्री इंदिरा के लिए बहुत से पत्र लिखे थे। उनके संस्कारों और शिक्षा के कारण ही श्रीमती इंदिरा गांधी के रूप में भारत को न सिर्फ प्रथम महिला प्रधानमंत्री की सौगात मिली बल्कि सशक्त भारत के निर्माण को भी एक नई दिशा मिली। प्यारे बच्चों, मैं चाहूंगा कि आप लोग पंडित नेहरू की जीवनी और उनके कार्यों के बारे में पढ़ें, जानें और उन्हें अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें।

पंडित नेहरू की पढ़ाई में बहुत रुचि थी, उनकी सोच बहुत ही आधुनिक थी, उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से भारत के नवनिर्माण के लिए जो काम किए थे, उसी बुनियाद के फलस्वरूप आज भारत विकास के इस मुकाम तक पहुंचा है। आप में से बहुत से लोगों ने भिलाई स्टील प्लांट को देखा होगा। इस प्लांट का निर्माण पंडित नेहरू ने करवाया था। बड़े बांधों, सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े-बड़े स्टील और बिजली कारखानों का निर्माण उन्हीं की सोच से शुरू हुआ था।

एम्स, राज्यों के मेडिकल कॉलेज, आईआईटी जैसी संस्थाओं की शुरुआत पंडित नेहरू की सोच से ही हुई थी। आज इन्हीं संस्थाओं में हमारे देश के नौनिहालों का भविष्य संवर रहा है और देश तथा दुनिया को बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर और विशेषज्ञ मिल रहे हैं। पंडित नेहरू ने जब देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था तब भारत की अर्थव्यवस्था जर्जर थी और यहां सुई तक का निर्माण नहीं होता था। पंडित नेहरू ने न सिर्फ शिक्षा बल्कि उद्यमिता को भी बढ़ाने का काम किया, जिसके कारण भारत उद्यमी युवाओं का देश बना। संयोग से आज के प्रसारण का विषय है-‘उद्यमिता और जनसशक्तीकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल’। छत्तीसगढ़ इन दिनों विकास के अपने नए मॉडल को लेकर देश और दुनिया में चर्चा का विषय बना है।

अनेक संस्थाओं ने आपको यानी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को देश का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री और आपके शासन को देश के अव्वल चार राज्यों में स्थान दिया है। इस उपलब्धि को लेकर हमारे कुछ श्रोताओं ने आपको बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। डॉ. प्रवीण कालवित, जिला बिलासपुर ने कहा- मुख्यमंत्री जी, देश की प्रतिष्ठित सर्वेक्षण संस्था आईएएनएस तथा सी वोटर, गवर्नेंस इंडेक्स के अनुसार आपको देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्री का सम्मान दिया गया है। इसके लिए आपको बहुत बधाई।
वहीं, अम्बिकापुर से प्रोफेसर अनिल सिन्हा ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी, जय जोहार। देश की प्रतिष्ठित संस्था पब्लिक अफेयर्स सेंटर द्वारा विभिन्न राज्यों के कामकाज पर जो पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स 2021 जारी किया गया है, उसके अनुसार छत्तीसगढ़ देश के अव्वल चार बड़े राज्यों में शामिल है। इस रिपोर्ट में विकास, भागीदारी, स्थिरता, गुणवत्ता और कोविड नियंत्रण में राज्य सरकार की भूमिका के आधार पर मूल्यांकन किया गया है।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

डॉ. कालवित जी, प्रोफेसर सिन्हा जी को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आपने मुझे जो बधाई दी है, वास्तव में उसके असली हकदार आप लोग और इस प्रदेश की 2 करोड़ 80 लाख जनता है। प्रयास करना हमारा काम है, लेकिन उसे समझकर हाथों-हाथ लेना आपका बड़प्पन है। यही वजह है कि हमारी सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन भलीभांति हो पाया। हमारी सोच बहुत स्पष्ट रही है। हमारा मानना है कि जनता पर विश्वास करो और प्रत्येक वर्ग को उसकी जरूरत के अनुसार साधन-सुविधाएं मुहैया कराते चलो तो जनता खुद आगे आकर राज्य के विकास में भागीदार बन जाती है।

जनता का उत्साह और सहयोग विकास में भागीदारी के रूप में दर्ज होने से न सिर्फ आजीविका के बेहतर अवसर बनते हैं। रोजगार के नए अवसर बनते हैं बल्कि जनता की क्रय शक्ति भी बढ़ती है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को किसी भी संकट से बचा सकती है। आप देख लीजिए कि शुरुआती मंदी का समय रहा हो या बाद में कोविड के लॉकडाउन का संकट। हमने विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के जरिए किसानों, वन आश्रितों, मजदूरों, महिला समूहों और युवाओं की जेब में जो 80 हजार करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से डाले उस राशि को हमारे भाइयों-बहनों और युवा साथियों ने तिजोरी में बंद करके नहीं रखा बल्कि उससे नए-नए काम किए, अपनी जरूरत की खरीदी की। इस तरह आप सबने मिलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की तरलता को बनाए रखा।

इस तरह से प्रदेश में नए-नए तरह के काम-धंधे भी चले और परंपरागत कौशल, परंपरागत रोजगार के अवसरों को नई दिशा भी मिली।
वास्तव में हमने आजीविका को मजबूत करने और जनता के हाथों में स्वाभिमान से लेकर आर्थिक ताकत सौंपने की जो रणनीति अपनाई, वही छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में हमारी पहचान बनी है। हमने दिखावटी विकास की दौड़ से अपने आपको अलग रखा और बुनियादी बातों पर ध्यान दिया, जिससे प्रदेश में आजीविका और जीवन स्तर उन्नयन के स्थाई साधनों का निर्माण हो रहा है।

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