रायपुर। तेलंगाना की सीमा से लगा पामेड़ ईलाका 15 सालों बाद फिर से जगमगा उठा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर यहां नई विद्युत लाइन पहुंचाई गई है। इससे इस ईलाके में जन-जीवन फिर दमक उठा है। शाम ढलते ही अब घर में दुबक जाने वाले ग्रामीण की अब गांव के गलियों और चौहारों में रात तक चहल-पहल बनी रहती है। पामेड़ इलाके में बिजली पहुंचने यहां के लोगों के मन का भय और जीवन का अंधेरा दूर हो गया। घरों में बच्चें बल्ब की रोशनी में अब देर रात तक पढ़ाई करते दिखते हैं। किसान बिजली मिलने से अब पम्प के जरिए अपने खेतों की प्यास बुझाने और बेहतर खेती करने लगे हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार बीजापुर जिले में मुख्यमंत्री मजरा-टोला ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 111 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। 105 गांवों के मजरा-पारा-टोलों तक बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया, जिसमें पड़ोसी राज्य तेलंगाना की सीमी पर स्थित पामेड़ का इलाका भी शामिल है। पामेड़ का यह ईलाका 15 सालों बाद फिर से रोशनी से जगमग हुआ है, जिसकी चमक ग्रामीणों के चेहरे पे साफ दिखायी देती है।

तेजी से विकास का दावा

मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर बीजापुर जिले में बीते तीन सालों में 98 किलोमीटर 11 केव्ही लाइन, 243 किलोमीटर एलटी लाईन विस्तार सहित 25 केव्ही क्षमता के 103 ट्रांसफार्मर लगाए गए है। मुख्यमंत्री मजरा-टोला ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत अंदरूनी ईलाके के 105 गांवों में बिजली पहुंचाने के साथ ही इन गांवों के 4 हजार 630 निर्धन परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए है। इसके अलावा इस योजना के तहत 6 अन्य गांवों में विद्युतीकरण के लिए 5.39 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गयी है, यह कार्य भी जल्द प्रारंभ हो जाएगा। पहुंच मार्ग वाले गांवों के साथ ही अंदरूनी गांवों में भी व्यवधानों के बावजूद विद्युतीकरण का किया जा रहा है।

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