रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड महाकारी प्रभावितों को चार लाख स्र्पया मुआवजा देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीएमए यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि में केन्द्र एवं राज्य द्वारा 75 और 25 प्रतिशत का योगदान किया जाता है। इसी नियम के तहत यदि केन्द्र सरकार पीड़ितों के परिजनों को चार लाख स्र्पये देने को राजी होती है तो राज्य सरकार नियमानुसार 25 फीसदी योगदान के रूप में एक लाख स्र्पये पीड़ितों को देगी।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इसी साल 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा गया था कि वह एसडीआरएफ यानी राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के माध्यम से कोविड महामारी से प्रभावित लोगों के परिजनों को 50 हजार स्र्पये मुआवजा देगी। तब, जब इस महमारी से लोगों के व्यवसाय बंद हो गए। लोगों को शहर छोड़ना पड़ा। हजारों परिवारों ने अपने घर के कमाऊ सदस्य को खो दिया। हजारों ने इलाज में अपनी जमा पूंजी खर्च करनी पड़ी और वे कर्ज में डूब गए। …ऐसी स्थिति में 50 हजार स्र्पये की मुआवजा राशि काफी कम है। यदि सरकार पीड़ितों के परिजनों को चार लाख स्र्पये मुआवजा देती है तो राज्य सरकार अपने हिस्से की 25 फीसदी राशि के रूप में एक लाख स्र्पये का योगदान करने के लिए तैयार है।

जनता पर महंगे पेट्रोल का बोझ, कॉर्पोरेट मित्रों को टैक्स में छूट
सीएम बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चार लाख स्र्पये न देने के लिए तर्क दिया था कि ऐसा करने से उसके पास कोविड-19 से निपटने के लिए पर्याप्त धन नहीं बचेगा। जबकि केन्द्र सरकार महंगा पेट्रोल और डीजल बेचकर जनता से लगातार टैक्स वसूल रही है। जबकि कॉर्पोरेट मित्रों को टैक्स में छूट दे रही है।

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