बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ दायर की गई आय से अधिक संपत्ति के मामले की एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर आज शुक्रवार को हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा। इस मामले की 17 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आईपीएस जीपी सिंह की ओर से इस मामले में अंतरिम राहत देने की मांग की गई है।  हाईकोर्ट के फैसले से यह तय होगा कि जीपी सिंह को राहत मिलेगी या उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी।

जीपी सिंह के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में नई याचिका पेश करते हुए कहा है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने केस की एफआईार दर्ज करने से पहले शासन ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। एफआईआर से पहले सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। इसी तरह केंद्रीय कार्मिक विभाग से भी अनुमति लेनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लिहाजा, आपराधिक प्रकरण निरस्त किया जाना चाहिए।

अधिवक्ता आशुतोष ने कहा कि उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत केंद्रीय कार्मिक विभाग व गृह मंत्रालय से जानकारी ली। इस दौरान पता चला कि कार्रवाई करने के पहले प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। लिहाजा, एफआईआर निरस्त कर अंतरिम राहत के तौर पर मामले की सुनवाई होने तक एफआईआर पर स्टे देने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जीपी सिंह की 19 साल की सेवा में राज्य सरकार ने उनके उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए कई अवार्ड दिए।

उन्होंने सवाल किया है कि लगातार बेहतर काम करने वाला अधिकारी अचानक भ्रष्टाचार का आरोपी बना दिया गया। इस तथ्य पर विचार करना चाहिए कि ऐसी नौबत क्यों आई। याचिका में उन्होंने कहा कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उन्हें सुनियोजित तरीके से फंसाया गया है।

By admin