रायपुर। डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल रायपुर में करीब 22 करोड़ रुपये की लागत से खरीदी की गई कैंसर जांच की पैट सीटी स्कैन मशीन अस्पताल में ही धूल खा रही है। खरीदी में गड़बड़ी को लेकर अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच में एफआइआर तक के निर्देश दे दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि आंबेडकर अस्पताल के कैंसर सेंटर के लिए पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पेट) स्कैन मशीन को साल 2018 में खरीदा गया था, लेकिन लंबे समय तक मशीन का उपयोग ही नहीं किया गया।

करोड़ों रुपये की लगात से खरीदी मशीन व सिर्फ मेंटेनेंस के लिए पहले ही भुगतान कर दिया गया था। खरीदी के दौरान उस समय डीएमई डॉक्टर एसएल आदिले, अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर विवेक चौधरी थे। इसकी पूरी प्रक्रिया छत्तीसगढ़ दवा निगम के माध्यम से की गई थी। मामले की जांच के बाद अब एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं।

बता दें कि मध्य भारत का सबसे बड़ा कैंसर सेंटर होने की वजह से आंबेडकर अस्पताल में मशीन की उपयोगिता काफी अधिक है। यहां पर हर साल तीन लाख कैंसर मरीजों का इलाज होता है। वहीं, छह से सात हजार नए मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में पेट सीटी मशीन हर मायने में मरीजों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होता। चिकित्सकों ने बताया कि यह मशीन काफी अधिक एडवांस है। मशीन के जरिए हुई स्कैनिंग से कैंसर की मुख्य वजह क्या है, कहां और कितना फैल चुका है। यह पूरी तरह से साफ हो जाता है।

बाजार में इससे जांच का शुल्क करीब 15 से 20 हजार तक पड़ता है, जो शासकीय योजनाओं के तहत मरीजों को निश्शुल्क सुविधा दिया जाता। विभागीय जानकारी के मुताबिक, निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसे जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे। मशीन को मरीजों के लिए शुरू करने की कवायद तो कई बार की गई, लेकिन उपयोगिता अब तक तय नहीं कर पाए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यदि यह सेवा शुरू हो जाती है, तो कैंसर इलाज में काफी सहयोग मिलेगा।

इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग संचालक डॉ विष्णु दत्त ने कहा कि पेट सीटी स्कैन मशीन की खरीदी की जांच की जा रही है। गड़बड़ी को लेकर जल्द एफआइआर कराएंगे। मशीन को जल्द से जल्द शुरू करने की कोशिश कर रहे। ताकि मरीजों को इसका लाभ मिल सके।

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