बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पीएमजीएसवाई सड़क निर्माण का काम करा रहे पीएमजीएसवाई के सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। सब इंजीनियर व कार्यालय सहायक लक्ष्मण परतागिरी को बीजापुर जिले के मनकेली में काम करने के दौरान नक्सलियों ने 11 नवंबर को पकड़ लिया था। हालांकि, नक्सलियों ने कार्यालय सहायक लक्ष्मण को दूसरे दिन 12 नवंबर को ही छोड़ दिया था।

मगर, सब इंजीनियर को उन्होंने नहीं छोड़ा था। इसके बाद उनकी पत्नी अर्पिता ने बेटे के साथ दंतेवाड़ा के विधायक के साथ अन्य पुलिस के अधिकारियों से गुहार लगाई थी। परिजनों ने और मीडिया के माध्यम से मनकेली के कुछ ग्रामीणों ने नक्सलियों को दोनों कर्मचारियों को रिहा करने की गुहार लगाते हुए संदेश भेजा था। सर्व आदिवासी समाज ने रिहाई की अपील की थी।

इसके बाद नक्सलियों ने लक्ष्मण को रिहा कर दिया था। मगर, सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा की रिहाई नहीं करने से उनके परिजन परेशान थे। वह छह दिन तक नक्सलियों के कब्जे में रहे। इस दौरान उनकी पत्नी अर्पिता तीन साल के मासूम बेटे को लेकर अजय की रिहाई के लिए जंगल में भटकती रहीं। अर्पिता ने नक्सलियों से अपील की थी कि अगर अजय ने कोई गलती की है, तो उन्हें माफ कर दें और मानवता के नाते ही उन्हें रिहा कर दें।

बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा व विधायक विक्रम मंडावी ने भी अपील जारी की थी। इसके साथ ही फोर्स ने भी मनकेली में अजय की रिहाई कराने के लिए अभियान शुरू कर दिया था। बुधवार दोपहर को नक्सलियों ने अजय को रिहा कर दिया। अजय को उनकी पत्नी अर्पिता के सामने छोड़ा गया। बताते चलें कि बीजापुर के जिस क्षेत्र में निर्माण कार्य को देखने दोनों कर्मचारी गए थे, वह अति संवेदनशील और नक्सलियों का प्रभाव वाला इलाका है, जहां नक्सली सड़क निर्माण के जरिये होने वाले विकास कार्यों का शुरू से विरोध कर रहे हैं।

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