रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही रेडी टू ईट योजना की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहल की है। अब इसे मशीनों के जरिये बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद ट्वीट कर योजना के केंद्रीयकरण किए जाने की जानकारी दी है। इससे पहले पूरक पोषण आहार व्यवस्था के तहत टेक होम राशन में रेडी टू ईट फूड निर्माण और वितरण का कार्य महिला स्व सहायता समूह के जरिये किया जाता था। मगर, उसकी गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठते रहते थे।

अब इस योजना को सेंट्रलाइज किया जा रहा है। इसके बाद राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाइयों के माध्यम इसका निर्माण और वितरण किया जाएगा। बताते चलें कि साल 2009 से संचालित हो रही इस योजना का बजट 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों से लेकर किशोरियों और शिशुवती महिलाओं को तैयार भोजन दिया जाता है। इसका बड़ा हिस्सा आंगनवाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों पर जाता है। फूड में मिलाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में गेहूं का आटा, सोयाबीन, सोयाबीन तेल, शक्कर, मूंगफली, रागी और चना शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट पोषण आहार की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था अपनाई जाएगी। इस व्यवस्था में स्वचलित मशीनों के जरिए रेडी टू ईट पोषण आहार का उत्पादन किया जाएगा।

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