दुर्ग। जिला मुख्यालय दुर्ग से सात किमी दूर कोलिहापुरी प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले करीब 26 बच्चे स्कूल प्रंबधन द्वारा दी गई पौष्टिक चिक्की खाने के बाद सुबह करीब 11 बजे बीमार पड़ गए। पेट दर्द की शिकायत पर बच्चों को जिला अस्पताल दुर्ग में भर्ती कराने के साथ ही उनका उपचार किया जा रहा है। हालांक, छह बच्चों की तबीयत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। इलाज के दौरान 20 बच्चों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। सरपंच ज्वाला प्रसाद देशमुख ने बताया कि प्रभारी प्रधान पाठक सपना यदु द्वारा जानकारी देने के बाद बच्चों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया।

घटना की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल, बीईओ के वी राव सहित अन्य लोग जिला अस्पताल पहुंचे। आरएमओ डॉक्टर अखिलेश यादव ने बताया कि बच्चों का इलाज किया जा रहा है और सभी की स्थिति ठीक हैl जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पौष्टिक चिक्की की आपूर्ति शासन के द्वारा की जाती है, जिसे जिले के सभी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में तीन दिन दिया जाता है।

घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने चिक्की का सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजा है। बताते चलें कि कोल्हियापुरी प्राथमिक शाला में गुरुवार सुबह एक-एक करके तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा के बच्चे पेट दर्द की शिकायत लेकर अध्यापक के पास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने उल्टियां करना शुरू कर दिया। घबराए अध्यापक ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी, जिसके बाद बच्चों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

बताते चलें कि राज्य शासन की ओर से स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार देने की योजना चला रही है। पहले बच्चों को सोया मिल्क दिया जाता था। मगर, जब स्वास्थ्य जांच में पाया गया कि बच्चों में आयरन की कमी है, तो उसे दूर करने के लिए शासन ने गुड़ और मूंगफली की चिक्की देने का फैसला किया था। शासन ने आपूर्ति करने की जिम्मेदारी बीज निगम को दी हुई है। रायपुर के एक प्लांट में बीज निगम चिक्की का निर्माण करता है। दुर्ग डीईओ प्रवास बघेल ने इस घटना के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को सस्पेंड करने और अन्य पांच अध्यापकों का एक-एक इंक्रीमेंट रोकने की कार्रवाई करने की बात कही है।

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