रायपुर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के पहले अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी को प्रमुख मुद्दा बनाया था। सत्ता में आने के बाद सरकार ने इसे लेकर कवायद शुरू की। शराबबंदी को लेकर तीन समिति गठित की गई। जिसकी अब तक पांच बैठक हो चुकी है। जल्द ही तीनों समिति की बड़ी बैठक होने वाली है। जिसमें शराबबंदी को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अंतिम फैसला सरकार करेगी। बतादें कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में अब तक 50 मदिरा दुकानों को बंद किया गया है।

बतादें कि राज्य में शराबबंदी के संबंध में सुझाव एवं इसके प्रभाव के आकलन के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजनीतिक, प्रशासनिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों वाली कुल तीन समितियां बनाई गई है, जो समय-समय पर इस मामले पर अध्ययन, विचार मंथन एवं सामाजिक स्तर पर लोगों से सुझाव प्राप्त कर रही है।

शराबबंदी को लेकर गठित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की समिति, प्रशासनिक स्तर पर गठित समिति की अब तक दो-दो बैठकें तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की समिति की एक बैठक हो चुकी है। आबकारी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में राज्य में 662 शराब की दुकानें संचालित है, जिसमें देशी शराब की 211, कंपोजिट की 126, विदेशी मदिरा की 304 एवं प्रीमियम विदेशी मदिरा की 21 दुकानें शामिल है।

वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 50 शराब की दुकानें बंद की गई है। वर्ष 2021-22 के लिए देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों की आबकारी नीति के अंतर्गत व्यवस्थापन एवं अन्य बिंदुओं पर जारी शासन के निर्देशानुसार 2021-22 में भी 662 मदिरा दुकानें संचालित की जा रही है एवं आवश्यकतानुसार बड़े जिलों में प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकानें संचालित किए जाने की अनुमति राज्य शासन द्वारा दी गई है।

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