रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आंबडेकर अस्पताल में आज सोमवार से आपातकालीन सेवा बंद कर गई। आपातकालीन सेवा देने से मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टरों ने मना कर दिया है। देश भर में लंबित पीजी काउंसिलिंग को शुरू कराने के लिए देश भर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी और नियमित ऑपरेशन थियेटर में सेवा देने मना कर दिया था।

राष्ट्रीय संगठन फ्रोडा के समर्थन में रायपुर मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों ने अपना काम बंद कर रखा है। उनकी ओपीडी सेवा बाधित करने की वजह से दूरदराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सीनियर डाक्टरों की लगाई ड्यूटी, पर स्थिति सामान्य नहीं

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है मगर व्यवस्था पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है और कई मरीजों को दिन भर इंतजार के बाद समय खत्म होने की वजह से बिना जांच और इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है।

बढ़ गया काम का दबाव

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि नया बैच नहीं मिलने की वजह से सीमित रेजीडेंट डॉक्टर पर काम का दबाव बढ़ गया है, जिसके कारण वे मानसिक रूप से थक चुके हैं। इसी तरह मेडिकल पीजी में प्रवेश नहीं होने की वजह से एमडी. एमएस के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में पिछड़ गए हैं।

केंद्र सरकार के नए नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

आपको बता दें इस बार मेडिकल कॉलेज की पीजी सीटों पर प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा देर से आयोजित हुई। परीक्षा के बाद तत्काल काउंसिलिंग की तारीख घोषित नहीं हुई। इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा ईडब्लूएस के 10 और ओबीसी को प्रवेश में 27 प्रतिशत आरक्षण देने लागू किए जा रहे नए नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। नवंबर माह में दिवाली का अवकाश फिर अन्य दिक्कत की वजह से मामले की सुनवाई की तारीख 16 जनवरी को दी गई। सुनवाई जल्दी पूरी कर प्रवेश देने की मांग पर देशभर के जूनियर रेजिडेंट ने 27 नवंबर से हड़ताल की घोषणा कर दी थी।

 

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