Birth anniversary of Bharat Ratna Pt. Madanmohan Malviya

अंबिकापुर। महामना मालवीय मिशन सरगुजा के तत्वावधान में भारतरत्न पं.मदनमोहन मालवीय की जयंती पर विविध कार्यक्रम हुए। मालवीय पार्क में इस कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, समाजसेवी, स्थानीय लेखक-कवि एवं समाज के प्रबुद्धजन चिन्तक-विचारक उपस्थित रहे। इस दौरान इनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी रहे। उन्होंने इनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की संस्कृति और संस्कार को यदि नजदीक से देखना हो तो मालवीय जी के दिनचर्या को अध्ययन करे।

उन्होंने कहा कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक मालवीय की एक- एक गतिविधियां समाजकल्याण, जनकल्याण, राष्ट्रकल्याण और विश्वकल्याण की परायणता के प्रति समर्पित है। स्वहित की बात उन्होंने कभी सोचा नहीं । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आरएन अवस्थी ने कहा कि मालवीय जी की परिकल्पना ग्रामीण भारत को समृद्ध बनाने की थी। वो चाहते थे कि जब हमारे गांवों का विकास होगा तभी समाज का अंतिम व्यक्ति राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ सकता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. बीके सिंह ने कहा कि पंडित मालवीय अध्यात्मवादी भी थे और जो व्यक्ति अध्यात्मवादी होगा वह सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ चिन्तनशील और प्रगतिशील रहेगा । विशिष्ट अतिथि डॉ. एस.एन. पाण्डेय ने कहा कि कर्त्तव्यपरायणता और कर्त्तव्यनिष्ठा का उदाहरण यदि देखना हो तो मालवीय जी के जीवनदर्शन को पढ़ें। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था के कोषाध्यक्ष पं. राज नारायण द्विवेदी ने कहा कि मालवीय जी का आदर्श कल भी प्रासंगिक था और आज भी प्रासंगिक है। इस विषय पर बड़ी -बड़ी कार्यशाला भी होती है। उन्होंने कहा कि स्कलों के पाठ्यक्रमों में इनकी जीवनी को जोड़ा जाना चाहिए।

समाज के प्रबुद्ध कवि और लेखकवर्ग भी इस आयोजन में सहभागी हुआ। अम्बिकापुर शहर की प्रगतिशील कवयित्री अर्चना पाठक ने मालवीय जी पर दोहे के माध्यम से उनके जीवनदर्शन को रेखांकित किया । कवयित्री के इस साहित्यिक चिन्तन और उद्बोधन की तारीफ सबने की । उसी तरह  कवयित्री गीता द्विवेदी ने छंदयुक्त घनाक्षरी के माध्यम से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अपनी प्रस्तुति से वातावरण संगीतमय बना दिया। कवि व लेखक श्याम बिहारी पाण्डेय ने कहा कि आज प्रभु ईसा-मसीह के जन्मदिवस के साथ की भारत की दो विभुतियों पंडित मालवीय व पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का जन्मदिवस भी है।

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