दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक हुई। इस बैठक में कलेक्टर भुरे ने बच्चों के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न लंबित प्रकरणों की समीक्षा करत हुए उन्होंने शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष जोर दिया। कलेक्टर भुरे ने कहा कि बाल संप्रेषण गृह, विशेष गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी, बाल गृह, मदरसा, बालगृह, विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी एवं आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों पर विशेष निगरानी रखें। यहां रहने वाले बच्चों के शिक्षा स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके कौशल उन्नयन के लिए ठोस पहल सुनिश्चित करें।
बैठक में कलेक्टर ने कोविड के दौरान अनाथ हुए बच्चों को लेकर कहा कि इनके लिए शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो। किसी भी दशा में अनाथ हुआ एक भी बच्चा महतारी दुलार योजना से वंचित न हो इसका ध्यान रखा जाए। बच्चों के कौशल उन्नयन के लिए प्लेसमेंट के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
भीख मांगने वाले बच्चों पर हो निगरानी
बैठक में कलेक्टर भुरे ने चौक चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों पर विशेष निगरानी रखने कहा है। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि बच्चें को गोद में लेकर भीख मांगने वाले दिख जाते हैं। ऐसे लोगों को काउंसलिंग की जरूरत है और इन्हें समझाइश दिया जाना चाहिए। इसके लिए कलेक्टर ने महिला पुलिस व बाल संरक्षण समिति को संयुक्त रूप से कार्य कर बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर रखने की पहल करने कहा। इसके अलावा चाइल्ड लाइन के बच्चों की स्वास्थ्य परीक्षण व नशा में लिप्त बच्चों को नशामुक्ति केन्द्रों में इलाज की पुख्ता व्यवस्था करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि बच्चे से संबंधित कोई भी प्रकरण लंबित न रखें। संवेदनशीलता के साथ लंबित प्रकरणों का निपटारा करें।
बैठक में महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में बाल संप्रेषण गृह में 28, विशेष गृह में 04, प्लेस ऑफ सेफ्टी में 34, बाल गृह में 07, मदरसा बाल गृह में 23, खुला आश्रय गृह में 10 एवं विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी में 07 बच्चे निवासरत हैं। समय-समय पर इन बच्चों की मॉनिटरिंग समिति द्वारा की जाती है। कोई भी समस्या या शिकायत का निराकरण समिति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के लिए विशेष टीम गठित किया गया है।