बिलासपुर। रतनपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम खैरखुंडी के एक तालाब में मछली पकड़ने के लिए डाले गए जाल में तीन मगरमच्छ फंसे मिले। उन्हें देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। घबराए हुए ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। इसके बाद वहां पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने मगरमच्छों को रस्सी से बांधकर बाहर निकाला और खूटाघाट में छोड़ दिया। दरअसल, यह तालाब रमेश सिंह राजपूत का है। वह कई बार वन विभाग, कानन पेंडारी जू और मत्स्य विभाग को बता चुके हैं कि उनके तालाब में मगरमच्छ हैं।

मगर, कहीं भी उनकी बात की सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना था कि वह जो मछली पालन करते हैं, उसमें से आधी मछलियां मगरमच्छ खा जाते हैं। लेकिन उनकी बात पर विभाग के कर्मचारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। इधर, बुधवार सुबह सात से आठ बजे के बीच खैरखुंडी गांव में मछली पकड़ने के लिए ग्रामीणों ने जाल बिछाया। जब तालाब में डाले गए जाल को बाहर खींचा गया, तो वह बहुत भारी लग रहा था। उन्हें लगा बड़ी मछली जाल में फंस गई। मगर, जब जाल बाहर निकला, तो रोंगटे खड़े हो गए।

किसी ने सोचा भी नहीं था कि तालाब में मगरमच्छ होंगे, जो जाल में फंसकर बाहर निकल रहे हैं। उन्हें देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी जंगल की आग की तरह गांव में फैल गई और मगरमच्छ देखने वालों का वहां तांता लग गया। उन्होंने तुरंत ही वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद तीनों मगरमच्छों के शरीर को अच्छी तरह रस्सी में बांधकर विभागीय वाहन में डाला गया। इसके बाद उसे लेकर खूटाघाट के लिए रवाना हो गए, जहां ले जाकर मगरमच्छ को सुरक्षित छोड़ दिया गया।

(TNS)

 

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