रायपुर। प्रदेश में कुछ दिनों से आसमान पर बदली दिखाई दे रही थी। मौसम विभाग ने भी आगाह कर दिया था, पर धान खरीदी केंद्रों और भंडारण विभाग के जिम्मेदारों ने मौसम की अनदेखी कर दी। मंगलवार की शाम को तेज हवा के साथ बारिश हुई औरधान खरीदी केंद्रों में खुले में रखा हजारों टन धान भींग गया।

बता दें कि मौसम का कोई निर्धारित समय नहीं होता। कभी भी स्थितियां बदलती रहती है। मौसम विभाग ने भी बारिश होने की चेतावनी दी थी। फिर भी जिम्मेदारों ने कैप कवर व सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया और बारिश से करोड़ों रुपए का धान भींग गया।

जानकारी अनुसार समितियों की ओर से खरीदे गए धान की सुरक्षा में पहले से कोई उपाय नहीं किया गया। खासकर बारिश से बचाव के लिए उचित कदम नहीं उठाया गया, जिसकी वजह से खुले में रखा धान भींग गया है। सहकारिता विभाग की इस लापरवाही की वजह से करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। रायपुर दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, सरगुजा, धमतरी जिले में धान भींगने की खबर है।

बेमेतरा जिले में हर साल खरीदते हैं कैप कवर
बेमेतरा जिले की समितियों में लापरवाही देखने को मिली है। मंगलवार को बेमेतरा जिला में जमकर ओले बरसने के साथ ही बारिश से धान समिति केंद्र में रखे धान भींग गया। जानकारी अनुसार हर साल स्थानीय समिति प्रबंधक लाखों रुपए के कैप कवर खरीदते हैं। उसके बाद भी अधिकांश समितियों में खरीदे गए धान के लिए बारिश से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं दिखी।

महासमुंद जिले में दिखी लापरवाही
ऐसी ही लापरवाही महासमुंद जिले के पिथौरा-बसना-सरायपाली में देखने को मिली। जहां मंगलवार को हुई बारिश से एरिया सराबोर हो गया, वहीं दूसरी ओर धान उपार्जन केंद्रों में खुले में रखा गया करोड़ों का धान बारिश से भींग गया। इससे माना जा रहा है कि जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है।

भानुप्रतापपुर में पर्याप्त नहीं है कैप कवर
वहीं भानुप्रतापपुर अंचल में भी बीती रात से हो रही जोरदार बारिश से धान खरीदी केंद्रों में एवं धान संग्रहण केंद्रों में रखा धान भींगा है। संग्रहण केंद्र प्रभारी जेएल साहू ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में कैप कवर नहीं होने से धान को ढका नहीं जा सका था, जिसकी वजह से धान भींगा। पुराने कैप कवर से धान को भींगने से बचाने का प्रयास किया गया।

तीन-चार दिनों तक के लिए खरीदी रोकी
प्रदेश के अन्य खरीदी केंद्रों की तरह मंदिर हसौद धान खरीदी केंद्र में बारिश की वजह से सैकड़ों बोरी धान गीला हो गया। मौसम को ध्यान में रखते हुए समिति में आगामी 2-3 दिनों तक खरीदी केंद्रों में धान खरीदने नहीं करने का फैसला लिया गया है।

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