रायपुर। गरियाबंद जिले (Gariaband District) ने छत्तीसगढ़ का नाम ऊंचा किया। दरअसल, जिले का चयन प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना ( Prime Minister’s Micro Food Upgradation Scheme) के तहत हुआ है। लघु वनोपजों के उत्पादन, संग्रहण और इनकी गुणवता के कारण चुना गया है। बता दें कि गरियाबंद में मिनी फूड पार्क और प्रसंस्करण केन्द्र खोलने की भी तैयारी है। जिले में लाख, चिरौंजी, सरई बीज का बहुतायत मात्रा में उत्पादन होता है।
यहां के सरई बीजों का विदेशों में भरपूर मांग है। यदि स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर इसका वेल्यू एडिशन किया जाए तो बेहतर दाम मिल सकता है। जिले में पिछले साल 26 हजार क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया था। इससे संग्राहकों को 15 करोड़ रुपए का लाभ हुआ।  वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल (Forest Divisional Officer Mayank Agarwal) ने पीएमएफएमई में जिले के चयन को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने बताया कि संग्रहण के बाद वनधन केंद्रों में प्रसंस्करण सिस्टम बनाया गया है। जिले में संजीवनी केंद्रों माध्यम से इसे बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल लगभग 3 हजार क्विंटल चिरौंजी का संग्रहण किया गया है।
बता दें कि योजना के तहत व्यक्तिगत निवेशक को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से अधिकतम 10 लाख रुपए पूंजीगत अनुदान मिलेगा। स्वयं सहायता समूहों के प्रति सदस्यों को अधिकतम 40 हजार रुपए की पूंजी दी जाएगी। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन को 35 प्रतिशत की दर से अनुदान दिया जाएगा।

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