रायपुर। राजधानी रायपुर की जीवनदायिनी नदी खारुन दिन ब दिन मैली होती जा रही है। 17 बड़े नालों से शहर के सीवरेज का पानी इसमें आकर मिलता है। इसके चलते यह लाख कोशिशों के बाद भी साफ नहीं हो पा रही है। निगम प्रशासन इसे लेकर अलर्ट मोड में नजर भी आता है। बीते दिनों कार्तिक पूर्णिमा में मुख्यमंत्री के महादेव घाट प्रवास के पहले निगम अमलेे ने इसकी सफाई कराई। महापौर एजाज ढेबर ने खुद नाव में बैठकर  नदी का मुआयना किया और तत्काल  सफाई अमले को बुलाकर सफाई कराई। लेकिन अब फिर हालत जस के तस है।

लक्ष्मण झूला के पास गंदगी

नदी में फैली गंदगी का आलम यह है कि लक्ष्मण झूला तक गंदगी और कचरों का ढेर नजर आ रहा है। बीतेे दिनों लाकडाउन के दौरान यह बंद था, लेकिन लोगों को पता नहीं चलता था, कि खारुन इतनी मैली हो चुकी है, लेकिन अब जब लक्ष्मण झूला आम लोगों के लिए खोल दिया गया है तो प्रतिदिन यहां पहुंचने वाले पर्यटक इसे देखकर निराश होते है।

सीवरेेज प्लांट से मिलेगी राहत

वार्ड पार्षद बीरेंद्र देवांगन ने बताया कि महादेव घाट तट की और नदी की सफाई को लेकर निगम का अमला हमेशा अलर्ट रहाता है।  समय-समय पर नदी की सफाई की जाती है। खारून के तट पर तीन बड़े सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट बनाए जा रहे है।  इसे नये साल के साथ चालू कर दिया जाएगा। इसके चालू होने के बाद सीवरेज का दूषित जल सीधे नदी में आकर नहीं मिलेगा। फिर काफी राहत मिलेगी।

17 ब़डे नालों का सीवरेज मिल रहा खारून में

राजधानी रायपुर के 17 बड़े और कई छोटे नालों का दूषित जल प्रतिदिन खारुन में आकर मिलता है। वर्तमान में सिर्फ भाठागंव में छह एमएलडी क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया गया है। वहीं तीन और प्लांट के निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि इसे अलगे साल जनवरी में शुरू कर लिया जाएगा।

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