रायपुर।  कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज के लिए 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य मंत्री  टीएस सिंहदेव ने  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल. मंडाविया को आज दोबारा पत्र लिखा है।  सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को विगत 23 नवम्बर को लिखे पत्र को संदर्भित करते हुए अनुरोध किया है कि वर्तमान में कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन की उपस्थिति के बाद बूस्टर डोज एवं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाना बहुत आवश्यक प्रतीत होने लगा है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे लगातार शोधों में यह बातें प्रारंभिक तौर पर आ रही है कि नए वेरिएंट के फैलने की गति डेल्टा वेरिएंट से कम से कम 2-3 गुना ज्यादा है और व्यक्ति से व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा संक्रमित करने की संभावना भी दोगुना ज्यादा है।

75 प्रतिशत बढ़ रही प्रतिरोधक क्षमता

अंतरराष्ट्रीय शोध में यह बात भी सामने आ रही है कि ओमिक्रॉन से प्रभावित लोगों में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद उनमें विद्यमान एंटीबॉडी संक्रमण को रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हो रहा है। इस कारण बूस्टर डोज लगाना अति आवश्यक प्रतीत हो रहा है। बूस्टर डोज का प्रभाव काफी सकारात्मक है और इससे प्रतिरोधक क्षमता 70-75 प्रतिशत बढ़ रही है।

बूस्टर डोज लगाने का आग्रह

स्वास्थ्य मंत्री  ने पत्र में लिखा है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित होते देखे जा रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि युवाओं और बच्चों में इसका संक्रमण ज्यादा है। उन्होंनेे अंतरराष्ट्रीय शोध के प्रारंभिक परिणामों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिकों से अविलंब राय लेकर शुरुआती तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 वर्ष से अधिक के लोगों तथा कोमॉरबिडिटी (Co-morbidities) वाले लोगों को बूस्टर डोज लगाने का आग्रह किया है। सिंहदेव ने वैज्ञानिकों की सलाह के मुताबिक 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों के टीकाकरण के संबंध में भी जल्द से जल्द समुचित निर्णय लेने का अनुरोध किया है।

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