कोरबा। शनिवार की रात एक नर्स का अपहरण हो गया था। घटना को लेकर पुलिस महकमा रातभर परेशान रहा। इधर अपहरणकर्ताओं ने रात को ही 3 बजे घर में नर्स को छोड़ दिया। मामले में पुलिस को आश्चर्य हुआ कि महिला नर्स सुरक्षित घर पहुंच गई है और थाने में सूचना तक नहीं।

पुलिस के अनुसार घर से 2 किलोमीटर की दूरी पर थाना है, लेकिन बिना सूचना के वो 25 किलोमीटर दूर कोरबा पहुंच गई। बता दें कि सरेराह किडनैपिंग की खबर से सनसनी फैल गई थी। कुछ लोगों ने नर्स को खींचकर स्कार्पियो से अपहरण कर लिया था। पुलिस नाकेबंदी कर एक-एक गाड़ियों की सरगर्मी से तलाशी ली, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला।

रातभर चली छापेमारी
घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस रातभर आईजी रतनलाल डांगी की मौजूदगी में छापेमारी करती रही, लेकिन नर्स की कोई खबर नहीं लगी। इधर सुबह होते ही हरदीबाजार थाना प्रभारी ने नर्स की बेटी को फोन किया, तो पूरी कहानी ही पलट गई। स्टोरी सुनकर पुलिस के भी पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस को पता चला कि महिला नर्स को अपहरणकर्ताओं ने रात को ही 3 बजे घर में छोड़ दिया था। पुलिस को आश्चर्य हुआ कि महिला नर्स सुरक्षित घर पहुंच गई है और थाने में सूचना तक नहीं दी गई।

सुबह बेटी ने फोन पर बताया मां घर पर है
रातभर परेशान रही पुलिस सुबह जब बेटी को फोन किया तब पता चला की महिला नर्स रात में ही घर पहुंच गई थी। उसके बाद वे लोग सीधे कोरबा पहुंच गए। फोन पर बात चल ही रही थी कि बेटी ने सीधे फोन अपनी नर्स मां को थमा दिया। जब पुलिस ने महिला से बातचीत कर रही थी और मामले को समझ पाते कि महिला ने अपना फोन ही बंद कर दिया। महिला के व्यवहार को लेकर पुलिस की परेशानी और बढ़ गई।

शक.. कहीं मास्टरमाइंड ये तो नहीं ?
जब पुलिस ने घटनाक्रम पर सोचना शुरू किया तो मामले में शक की सुई घर पर, यानि महिला के बेटे पर भी जा रही है। जानकारी के मुताबिक महिला ने हाल ही में अपनी जमीन एसईसीएल को 12 लाख में बेची है। महिला का बेटा उसे बाइक दिलाने की जिद कर रहा था। पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं महिला का बेटा ही तो अपने दोस्तों के साथ इस घटना को अंजाम नहीं दिया है।

ये था मामला ?
घटना मामले में हरदीबाजार पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भिलाईबाजार की नर्स का किडनैप हो गया था। दो लोगों ने नर्स को खींचकर स्कार्पियो में बिठा लिय़ा था। पीएचसी में कार्यरत नर्स (एएनएम) ओम साहू रात की शिफ्ट में स्कूटी पर सवार होकर अस्पताल जा रही थी। अस्पताल के पास पहुंची थी कि स्कूटी को तेज रफ्तार से सफेद रंग की एक स्कार्पियो पहुंची और टक्कर मारकर गिरा दिया था। स्कूटी और नर्स के गिरते ही स्कार्पियो से दो लड़के उतरे और नर्स को स्कार्पियो में लेकर भाग गए थे।

कहीं ऐसा तो नहीं ?
पुलिस महिला के बयान के आधार पर अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। हालांकि पुलिस ने महिला के सामने कई सवाल किे हैं, जिसमें जब महिला थाने के पास थी, मतलब अपने गृह निवास के पास थी, तो थाने को क्यों जानकारी नहीं दी, कौन थे वे किडनैपर जिनके बारे में खुलासा नहीं कर रही है, कहीं आपका कोई करीबी ही तो नहीं है, जिसने ये प्लानिंग की है?। हालांकि महिला ने पुलिस के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है।

लगातार पुलिस का दबाव
इस मामले में जब आईजी डांगी को जैसे ही अपहरण की जानकारी मिली वो तुरंत ही सड़क मार्ग से कोरबा रवाना हो गए। पूरी रात इस ऑपरेशन को लीड करते हुए सभी सड़क मार्गों पर नाकेबंदी करा दी, जिसका नतीजा ये हुआ कि अपहरणकर्ताओं ने महिला को छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी।

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