Bank strike for two days

भिलाई। गुरुवार से लगातार चार दिनों तक बैंकों का कामकाज टप रहेगा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल आज शुरू हो गई है। दो दिन की हड़ताल के कारण बैंकों में चार दिन का अवकाश हो गया। इस हड़ताल के कारण आने वाले चार दिनों तक बैंकों में किसी प्रकार कार्य नहीं होगा। नगरीय निकाय चुनाव के कारण सोमवार 20 दिसंबर को भी बैंकों का कामकाज प्रभावित होगा। इस प्रकार भिलाई  में पांच दिनों के लिए बैंकों का कामकाज टप हो गया है।

दरअसल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण की तैयारियों को लेकर नाराज है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन सरकार द्वारा बैंकों के नीजीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों का विरोध कर रहा है। इसे लेकर यूनियन ने पूर्व में ही हड़ताल की घोषणा कर दी थी। 16 व 17 दिसंबर को बैंकों की हड़ताल रहेगी जिसके कारण पूरा कामकाज टप रहेगा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन से संबद्ध 9 यूनियने हड़ताल पर हैं इसके कारण दुर्ग भिलाई सहित संपूर्ण छत्तीसगढ़ के समस्त राष्ट्रीय कृत बैंकों में कामकाज नहीं होगा।

छत्तीसगढ़ में चार दिन रहेंगे बैंक बंद
वैसे तो बैंकों में दो दिन हड़ताल रहेगा लेकिन छत्तीसगढ़ में चार दिन के लिए बैंक बंद रहेंगे। 16 व 17 दिसंबर को बैंकों की हड़ताल और शनिवार को 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जंयती के अवसर पर प्रदेश में अवकाश रहेगा। वहीं 19 दिसंबर को रविवार होने का कारण बैंक नहीं खुलेंगे। इसके अलावा दुर्ग जिले के चार निकायों में चुनाव होने से यहां सोमवार को भी काम प्रभावित रहेगा। इस वजह से भिलाई में बैंकों का कामकाज पूरे पांच दिन प्रभावित होने जा रहा है।

UFBU भिलाई दुर्ग यूनिट ने खोला मोर्चा
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के विरुद्ध में UFBU भिलाई दुर्ग यूनिट ने अपना मोर्चा खोला और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर 1 भिलाई में समक्ष धरना दिया। इस दौरान बैंक  बचाओ और देश बचाओ के नारे लगे।  हड़ताल में शामिल बैंक कमिर्यों द्वारा केन्द्र  सरकार से निजीकरण को वापस लेने मांग करते रहे। यूनियन ने कहा कि वर्तमान सरकार की निजीकरण की नीति देश की अर्थव्यवस्था के लिये घातक है। इससे ग्रामीण शाखाएं बंद हो जाएंगीऔर बैंकों के लिए लोगों को शहरों पर निर्भर रहना पड़ेगा। ब्याज के मूल्य निर्धारण में एकाधिकार होगा। आम जन वरिष्ठ नागरिक, पेंशनभोगियों को कम व्याज मिलेगा सर्विस चार्ज बढ़ेगा। कृषि में ब्याज की रियायती दर उपलब्ध न होगी। सीमांत और छोटे किसान, छोटे व्यवसायी, बेरोजगार युवा, महिला स्वयं सहायता समूहों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा। यूनियन द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।

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