रायपुर। वेतन विसंगति दूर करने एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षक आंदोलनरत हैं। सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में वे अब उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। 90 दिनों की बात कहकर तीन साल से मांग अधर में लटका रखा है।

बावजूद सुनवाई नहीं होने से नाराज हजारों सहायक शिक्षक आर-पार की लड़ाई केे मूड में हैं। इसलिए वे सोमवार को विधानसभा घेरने निकले थे, जिले पुलिस ने बलपूर्वक रोक दिया। दो दिन मंगलवार को मांग को लेकर सहायक शिक्षक धरना-प्रदर्शन करते रहे। पदाधिकारियों ने विचार रखे। उन्होंने कहा यह हक की लड़ाई है। सरकार को अपना वादा निभाना ही होगा। इस दौरान सहायक शिक्षकों ने शासन-प्रशासन के मान-मनौव्वल को नहीं माना।

शिक्षिकाओं ने भरी हुंकार
इस दौरान सहायक शिक्षिकाओं ने जमकर हुंकार भरी। शिक्षिकाओं ने मंच से जोरदार नारे लगाए। कहा जब-जब नारियों ने बोला है, राज सिहासन डोला है। बहरी-गूंगी सरकार होश में आओ होश में आओ।

90 दिन का था वादा, तीन साल बीत गए
बता दें कि चुनाव से पहले किए वादे पर कांग्रेस सरकार अब तक अमल नहीं कर पाई, इससे प्रदेश के स्कूलों के सहायक शिक्षक खासे नाराज हैं। सरकार बनने के बाद 90 दिवस का वादा था, पर सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी लंबित मांग अधर में है। मांग को लेकर अब सहायक शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। प्रदेशभर के 109000 सहायक शिक्षक इसका समर्थन कर रहे हैं।

चार दिनों से राजधानी में डटे हैं
सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि हम लगातार 11 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। 13 दिसंबर को हमारा विधानसभा घेराव का कार्यक्रमसफल रहा। 14 दिसंबर को भी हम पूरे 10900 सहायक शिक्षक साथी बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर बैठे है। पर शासन-प्रशासन हमारे प्रदर्शन को हल्के में ले रहे हैं।

अब केवल जेल भरो
अध्यक्ष मिश्रा ने बताया कि हमारा कल 15 दिसंबर का कार्यक्रम जेल भरो आंदोल का है। इस दौरान सहायक शिक्षक साथी जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे। हमारी एक सूत्री मांग वेतन विसंगति दूर करने के लिए सरकार से गुहार है।

कमेटी ने नहीं सौंपी रिपोर्ट
बता दें कि हमारी एक सूत्री मांग वेतन विसंगति दूर करने के लिए कमेटी बनी हुई है। पर आज तक रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है, जबकि मुख्यमंत्री ने 3 महीने की कमेटी की रिपोर्ट आने पर वेतन विसंगति दूर करने की बात कही गई थी, लेकिन अधिकारियों की ढीली कार्यप्रणाली के कारण आज तक रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है। हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए हम अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बध्या हुए।

नहीं हुई कोई सुनवाई
बता दें कि सहायक शिक्षक अपनी मांग को लेकर पहले अलग-अलग जिला मुख्यालय के बाद ब्लॉक मुख्यालयों में भी धरना दिए। मांग पर कोई सुनवाई नहीं होने पर अब वे राजधानी में धरना-प्रदर्शन में पहुंचे हैं।

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