PM Modi warns about the danger of Omicron

सीना डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात की 84 वीं कड़ी में ओमिक्रॉन के खतरे के प्रति आगाह किया है। पीएम मोदी ने इस दौरान देश के लोगों को अनुशासन बनाने के साथ ही सावधानी बरतने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट से लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। जिस तरह से देश के लोगों ने कोरोना से लड़ा है वैसी लड़ाई ओमिक्रॉन और आने वाले हर खतरे से लड़नी है। पीएम मोदी ने कहा देश के लोग अनुशासन का संकल्प लेकर 2022 में प्रवेश करें।

प्रधानमंत्री ने मन की बात में तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए जनरल विपिन रावत सहित सभी आर्मी अफसरों की बात की। उन्होंने एक एक कर सभी को लेकर खास बातें बताई। इस दौरान उन्होंने  ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पर भी बात की। उन्होंने कहा वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए।  पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडू का हादसा हमारे लिए कभी न भूलने वाला दर्द है। इस हादसे में हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया।

किताबों को बनाए लोकप्रिय

पीएम मोदी ने अपने मन की बात लोगों से किताबों को लोकप्रिय बनाने की अपील भी की है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान लोगों का अधिकतम समय मोबाइल स्क्रीन पर बीत रहा है। लोग टेक्नोलॉजी की दुनिया में खो गए हैं। अब समय आ गया है कि हमें बुक रीडिंग को लोकप्रिय बनाने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। पीएम मोदी ने कहा लोग अच्छी किताबों के बारे में एक दूसरे से बात करें किताबों को पढ़ने के प्रति लोगों को मोटिवेट करें ताकि आने वाले समय में बुक रीडिंग का महत्व बड़े। ऐसा नहीं है कि स्क्रीन शेयर ना करें लेकिन बुक रीडिंग को महत्वपूर्ण बनाना बेहद जरूरी है इसके लिए पूरे देश को एक साथ मिलकर काम करना होगा।

भारतीय संस्कृति को लेकर कही यह बातें

पीएम मोदी ने आज अपने मन की बात में भारतीय संस्कृति को लेकर भी बहुत अच्छी बातें कहीं। पीएम मोदी ने कहा है कि पूरी दुनिया आज भारतीय संस्कृति को जानने उत्सुक है। दुनिया भर के लोग भारतीय संस्कृति को जानने के साथ ही उसे बढ़ाने में भी मदद कर रहे हैं। एक जानकारी साझा करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि मंगोलिया के 93 साल के प्रोफेसर जे गेंदे धरम चार दशकों से भारतीय संस्कृति पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने भारत के करीब 40 प्राचीन ग्रंथों महाकाव्यों व रचनाओं का मंगोलियन भाषा में अनुवाद किया है। यही नहीं सर्बियन स्कॉलर डॉ मुनीर नीतीश ने 70 साल की उम्र में संस्कृत भाषा सीखी जो अपने आप में भारतीय संस्कृति को महान बनाता है। यही नहीं उन्होंने एक डिक्शनरी भी तैयार की जिसमें संस्कृत के 70000 से भी ज्यादा शब्दों का सर्बियन भाषा में अनुवाद किया है प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात को समाप्त करते हुए भी देश के लोगों को ओमिक्रॉन के प्रति सतर्क रहने की अपील की।

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