Production of mushroom started at a cost of 20 thousand in one room

 

भिलाई। दुर्ग जिले के एक स्वसहायता समूह को आउटलूक स्पीकआउट छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों से सम्मानित किया गया है। इन्हें यह सम्मान मशरूम उत्पादन में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए दिया गया है। सम्मानित महिला समूह पाटन विकासखंड के पतोरा ग्राम का है। इस समूह ने महज 20 हजार रुपए की लागत से एक कमरे में मशरूम की पैदावार की और बढ़िया आमदनी भी कमाई।

पाटन विकासखंड के पतोरा ग्राम पंचायत की महामाया स्व -सहायता समूह की महिलाएं मशरुम उत्पादन में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। 12 सदस्यो वाले इस समूह की महिलाओं ने एक भवन में ढांचा तैयार 350 बैग मशरुम लगाया गया था। जिसमें मशरुम बीज हेतु कुल 20 हजार रुपए की प्रारम्भिक राशि खर्च की थी। समूह द्वारा अब तक मशरुम बेचकर कुल 55 हजार रुपए का लाभ कमाया गया है। मशरुम उत्पादन के साथ-साथ समूह की महिलाएं आचार, बड़ी, पापड़  का उत्पादन भी करती हैं। इसे लोकल मार्केट में विक्रय कर वे अब तक कुल 20 हजार रुपए लाभ कमा चुकी हैं।  इससे समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है तथा उन्हें इससे रोजगार भी मिल रहा है।

इस उल्लेखनीय कार्य के लिए महामाया स्व-सहायता समूह पतोरा की अध्यक्ष जागृति साहू एवं सचिव शारदा ठाकुर को छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा रायपुर में आयोजित आउटलूक स्पीकआउट छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों से सम्मानित किया गया है। इन्हें बिहान योजना अन्तर्गत चक्रीय निधि की राशि 15 हजार रुपए प्राप्त हो चुका है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के कर्मचारियों द्वारा ही समूह को मशरुम उत्पादन के लिए प्रेरित किया गया था। आज तक इस समूह के द्वारा कुल 02 ग्राम पंचायत के 10 स्व-सहायता समूह को मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है,  इस प्रकार यह समूह मास्टर ट्रेनर के रुप में भी उभर रहा है।

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