रायपुर। प्रदेशभर से पहुंचे हजारों की संख्या में सहायक शिक्षकों ने शासन-प्रशासन के मान-मनौव्वल को नहीं माना और विधानसभा घेराव करने निकल पड़े। मगर बीच-बीच में बैरिकेट्स लगातार हजारों की संख्या में सुरक्षा में लगाई गई पुलिस भीड़ को रोकने का प्रयास कर रही है। वेतन विसंगति की मांग को लेकर सहायक शिक्षक अड़ गए हैं।

बता दें कि चुनाव से पहले किए वादे पर कांग्रेस सरकार अब तक अमल नहीं कर पाई, इससे प्रदेश के स्कूलों के सहायक शिक्षक खासे नाराज हैं। सरकार बनने के बाद 90 दिवस का वादा था, पर सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी लंबित मांग अधर में है। मांग को लेकर अब सहायक शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। प्रदेशभर के 109000 सहायक शिक्षक इसका समर्थन कर रहे हैं।

नहीं हुई कोई सुनवाई
बता दें कि सहायक शिक्षक अपनी मांग को लेकर पहले अलग-अलग जिला मुख्यालय के बाद ब्लॉक मुख्यालयों में भी धरना दिए। मांग पर कोई सुनवाई नहीं होने पर अब वे राजधानी में धरना-प्रदर्शन में पहुंचे हैं।

फेडरेशन के तमाम बड़े नेता हैं धरना स्थल पर
अब नाराजगी ऐसी है कि रायपुर में सहायक शिक्षकों का अब तक का सबसे बड़ा आंदलोन शुरू हो गया है। हजारों की संख्या में प्रदेश भर से सहायक शिक्षक रायपुर पहुंचे हैं। राजधानी रायपुर के धरनास्थल पर फेडरेशन के तमाम बड़े नेता भी पहुंचे हैं। इनके मार्गदर्शन में विधानसभा घेरने निकले हैं, जहां पुलिस जगह-जगह बैरिकेट्स लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है।

किसी और से नहीं बात होगी तो केवल मुख्यमंत्री से
सहायत शिक्षकों का मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। शासन-प्रशासन सहायक शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा से बातचीत की कोशिश कर रहा है, लेकिन फेडरेश ने दो टूक कह दिया कि अब बात होगी तो केवल मुख्यमंत्री हो होगी। इधर जिलों में भी शिक्षा विभाग की तरफ से सहायक शिक्षकों पर दबाव बनाया गया, लेकिन तमाम दबावों को हटाकर सहायक शिक्षक राजधानी पहुंच चुके हैं।

40 हजार से ज्यादा शिक्षक पहुंचेंगे यहां
संघों ने बताया जिला मुख्यालय से आते समय हालांकि कई जगहों पर सहायत शिक्षकों ने प्रशासन की चेकिंग की शीकायत की। अभी रायपुर में करीब 20 हजार सहायक शिक्षक पहुंच चुके हैं। फेेडरेश ने दावा किया है कि 40 से 50 हजार सहायक शिक्षक विधानसभा घेराव के लिए रायपुर पहुंचेंगे।

विधानसभा घेराव के लिए दोपहर में ही निकल गए
संघ ने बताया कि कल दोपहर से ही लगातार जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से ये कोशिश होती रही कि किसी तरह से सहायक शिक्षकों का आंदोलन टाल दिया जाए, लेकिन शिक्षक इसके लिए तैयार नहीं हुए। वार्ता के लिए फेडरेश के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने शर्तें रख दी थी जिसकी वजह से बाते नहीं बन पायी। दोपहर बाद सहायत शिक्षक विधानसभा घेराव के लिए निकल गए। आंदोनकारियों को सप्रेशाला मैदान के पास ही रोकने की कोशिश की गई। जगह-जगह बैरिकेट लगा दिया गया है। वहीं महिला पुलिस बल के अलावा बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी की भी तैनाती की गई है।

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