रायपुर। छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग से हाईटेक होता जा रहा है। परिवहन विभाग की वेबसाइट सारथी के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी मिलने के साथ अब प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों में सेंसर आधारित आटोमेटेड कम्प्यूटराईज्ड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक बनाए जाएंगे।

ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए वाहन चालकों को इस कम्प्यूटराईज्ड ड्राइविंग टेस्ट को पास करना होगा। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में परिवहन विभाग की बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिवहन विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, अपर परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा सहित ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक स्थापना के कार्य में लगे कम्पनी के सदस्य उपस्थित थे।

बैठक में राज्य के सभी जिलों में आटोमेटेड कम्प्यूटराईज्ड ड्रायविंग टेस्ट ट्रेक का निर्माण किए जाने पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव श्री जैन ने वाहनों के पार्किंग प्रक्रिया को ड्राइविंग टेस्ट में अनिवार्य रूप से शामिल करने के निर्देश दिए है। बैठक में परिवहन विभाग के अपर आयुक्त श्री काबरा ने बताया कि आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट से सड़क हादसों में कमी आएगी।

ड्राइविंग टेस्ट के सभी चरणों को सफलतापूर्वक पास करने वाले वाहन चालकों के ही ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाएंगे। दिल्ली और गुजरात राज्य में आटोमेडेट ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक के सफल परिणामों के देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में भी इसे अपनाया जाएगा। श्री काबरा ने टेस्ट ट्रेक निर्माण के संबंध में विभिन्न प्रक्रियाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी।

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