रायपुर। राज्य के वनांचल में रहने वाले किसानों को आर्थििक रुप से मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार ने सोलर एनर्जी को आधार बनाया है। खेतों में सोलर पंप लगाकर किसान खेतों में पानी भी दे रहे है और अपने घरों को रौशन भी कर रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में वनांचल मेंसिंचाई सुविधा, पेयजल व्यवस्था, ग्रामों और मजरे-टोलों के विद्युतीकरण में सोलर एनर्जी का उपयोग बढ़ा है। पिछले तीन वर्षों में सोलर इनर्जी का उपयोग कर सोलर पम्पों के जरिए 70,800 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ प्रदेश के करीब तीन लाख परिवारों को पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। वहीं पहुंचविहीन गांवों के करीब 90 हजार घरों का सौर विद्युतीकरण किया गया है।

हाट बाजार भी रौशन
पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के एक हजार तीन सौ पचास गांवों और कस्बों के चौक-चौराहों, हाट बाजारों में एक चार सौ पंद्रह 1 सोलर हाईमास्ट लाईट स्थापित किया गया है। इसी तरह दूरस्थ पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां बिजली का तार खींचकर बिजली नहीं पहुंचाई जा सकती, वहां के गांवों और मजरे टोलों के 80 हजार 917 घरों में सोलर लाईट की व्यस्था की गई है। इन्हें मिलाकर सोलर संयंत्रों के माध्यम से नौ सौ इक्चालीस गांवों के एक लाख अडतीस हजार से अधिक घरों का सोलर विद्युतीकरण किया जा चुका है।

आमदनी में इजाफा
खेतों में सोलर पंप लगाने से किसानों की आमदनी में काफी इजाफा हुआ ह। इन क्षेत्रों में किसान अब दोहरी फसल ले रहे हैं, इससे उनकी आमदनी में काफी इजाफा हो रहा है। क्रेडा द्वारा राज्य में पिछले तीन वर्षाे में प्रदेश में 59 हजार सोलर कृषि पम्पों की स्थापना की गई। सोलर सिंचाई पम्पों से लगभग 70,800 हेक्टयेर रकबा सिंचित हुआ है। इस तरह पूरे प्रदेश में 5 वर्षाे में करीब एक लाख सोलर सिंचाई पम्प लगाए गए है। जिससे लगभग एक लाख से अधिक हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है।

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