इंदौर। पंचायत चुनाव से पहले पुलिस ने अवैध पिस्तौल बनाने के कारखाने का भंडाफोड़ किया है। तैयार अवैध पिस्तौल को सप्लाई करते तीन लोगों को पुलिस ने धर दबोचा है। उनके पास से चार दर्जन से अधिक पिस्तौल और कारतूस की जब्ती की है।

माना जा रहा है कि होने वाले पंचायत चुनाव में इसका इस्तेमाल कर खून-खराबे की साजिश थी। इंदौर पुलिस ने सोमवार को मुखबीर की सूचना व तलाशी के दौरान तीन लोगों को पकड़ा। कर अवैध हथियार आपूर्ति करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों के कब्जे से 55 देसी पिस्तौल और 11 कारतूस जब्त किए हैं।

अपराधियों पर रखी जा रही नजर
इंदौर पुलिस आयुक्त (सीपी) हरिनारायणचारी मिश्र ने प्रेस कान्फरेंस में जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर अनेक स्थानों पर इन हथियारों की आपूर्ति की जानी थी। चुनाव को देखते हुए पाइंट बनाकर अपराधियों पर नजर रखी जा रही है। गाड़ियों की जांच की जा रही है।

संगठित अपराध के खिलाफ अभियान
सीपी मिश्र ने कहा कि संगठित अपराध के खिलाफ अभियान में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे 55 देसी पिस्तौल के साथ 11 कारतूस जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि ये लोग अवैध हथियार का बनाकर बाजार में सप्लाई करते थे। यह इंदौर के अलावा मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी इनका व्यापार है।

करा सकते थे खून-खराबा
पुलिस अधिकारी के अनुसार इन हथियारों की सप्लाई के बाद मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में इनका प्रयोग कर ये खून-खराबा करा सकते थे। उन्होंने कहा इससे क्षेत्र मेें अपराध को बढ़ावा मिलता, जिससे पंचायत चुनाव में शांति भंग होती। ऐसे में लोगों में खौफ का माहौल बनता।

आरोपियों में एक हथियार निर्माता और दो सप्लायर शामिल
आपको बता दें कि अवैध हथियार आपूर्ति के गिरफ्तार लोगों में एक हथियार निर्माता और दो अन्य लोग शामिल हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध हथियार की आपूर्ति करते हैं। पुलिस ने उस कारखाने का भी भंडाफोड़ किया, जहां इन हथियारों का निर्माण किया जा रहा था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के अपराधियों से संबंधों का पुलिस पता लगा रही।

इन जिलों में होता था हथियार का निर्माण
पुलिस के अनुसार कई जिलों में हथियार बनाने का कारखाना चलाया जा रहा थ। इसमें सिकलीगर (एक समुदाय) इंदौर के आसपास के धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर सहित कुछ जिलों और देवास के कुछ क्षेत्रों में हथियार बनाते हैं। उसके बाद इंदौर के जरिये ही हथियारों की आपूर्ति करते हैं।

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