रायपुर। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम केरेगांव निवासी किसान सुरेश नेताम ने रकबे में कटौती से परेशान होकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी से कुछ दिन पहले किसान  टोकन के लिए खरीदी केंद्र पहुंचा था,  जहां उसे तीन एकड 80 डिसमिल की खेती रकबा महज डेढ़ एकड़ का बताया गया तो वो निराश होकर घर लौट आया।

इसके बाद से करीब तीन-चार दिनों तक वो परेशान था। मृतक सुरेश की पत्नी गैंदकुंवर ने बताया कि इसे लेकर किसान दो-तीन बार वो पटवारी से मिले, लेकिन रकबा में किसी तरह की कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई। धान बोनी व अन्य का किसान पर कर्ज भी था। इसी परेशानी को लेकर किसान सुरेश ने अपने घर में ही फांसी लगाकर खुदकुशी की ली। मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच की, जिसमें बताया जा रहा है कि रबके को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी।

किसान  की मौत के बाद परिवार शोक में डूबा हुआ है। सुरेश की तीन बेटियां है। जिसमें एक 13 वर्ष, 11 वर्ष और एक तीन साल की है।  सुरेश की आत्महत्या के मामले में भाजपा किसान मोर्चा के हिरेंद्र साहू ने कहा कि राज्य सरकार खुद को किसान हितैषी बताकर अन्नदाताओं से ही वादाखिलाफी कर रही है।

मामले में जिला प्रशासन रकबे में कोई समस्या नहीं होने की जानकारी देकर पल्ला झाड़ रहा है।  प्रशासन ने मामले की जांच कराई है, जिसमें बताया गया कि मृतक के धान के रकबे व पंजीयन में किसी तरह की त्रुटि नहीं की गई है। गिरदावरी के आधार पर ही धान बिक्री के लिए पंजीयन किया गया था। गिरदावरी के अनुसार मृतक के संयुक्त खाते का भूमि रकबा 1.538 हेक्टेयर में से रकबा 0.825 हेक्टेयर पर धान बोया था। जिसके अनुसार रकबा 0.825 हेक्टेयर का पूर्ण पंजीयन हुआ है।

 

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