जशपुर। बगीचा विकासखंड के पत्ताकेला छात्रावास के वार्डन की प्रताड़ना से तंग आकर आधी रात को छात्रावास की छत से कूदकर छात्राएं भाग निकलीं। कड़कड़ाती ठंड में जंगल से भटकते हुए वे घर पहुंचीं। इस मामले में जांच करने वाले अधिकारी कुछ भी बताने से कतराते रहे।

प्रदेश में छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश के बाद भी प्रदेश के छात्रावासों की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है। घटित घटना जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के पत्ताकेला छात्रावास का है।

रिपोर्ट से बचते रहे जांच अधिकारी
जानकारी अनुसार यहां के छात्रावास के वार्डन की प्रताड़ना इतनी असहनीय हो गई कि तंग आकर आधी रात को छात्रावास की छत कूदकर छात्राएं भाग निकलीं। घटना की सूचना पर मामले की जांच हुई। घटना का कारण भी पता चल गया, पर जांच करने वाले अधिकारी रिपोर्ट के बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए।

ये है मामला
आपको बता दें कि 2 दिन पहले ही बगीचा विकासखंड के पत्ताकेला छात्रावास से छात्राओं के भाग जाने की सूचना मिली थी। मामले में छात्राओं और उनके परिजनों ने बताया था कि हॉस्टल वार्डन उन्हें तेल, साबुन जैसे सामानों को मांगने पर डांट देती है। वह छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाती है। यही सब बातों से तंग आकर 4 छात्राएं रात लगभग 12 बजे छात्रावास की छत से कूदकर भाग गईं थी। इस दौरान 2 घणंटे तक जंगल में भटकने के बाद रात 2 बजे अपने घर पहुंची।

मॉनिटरिंग करने वाले जिम्मेदार ने नहीं बताया कारण
इस मामले को सहायक आयुक्त बीके राजपूत ने काफी गंभीर बताते हुए तत्काल जांच कराने का भरोसा दिलाया था। उनका कहना था कि मंडल संयोजक को तत्काल हॉस्टल भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी। मामले की जांच करने मंडल संयोजक बसंत गिरिही पत्ताकेला छात्रावास पहुंचे थे। मामले पर जब मीडिया ने सवाल पूछा तो वह जवाब देने से बचते रहे। पता चला कि छात्रावासों की मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की है।

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