रायपुर। भटकी हुई एक महिला के लिए छत्तीसगढ़ का सखी सेंटर सुरक्षित जीवन का बहुत बड़ा सहारा बना। उसने सोचा नहीं था कि अजनबी शहर में अनजान जगह पर कोई उसे इस तरह आसरा दे देगा कि यहां आराम से रहो।

जी हैं एक महिला को ऐसी ही मदद मिली है। उस मदद से वह अपने परिवार तक सुरक्षित पहुंचने में सफल रही हैं। इसी तरह का एक मामला छत्तीसगढ़़ में सामने आया, जब रोजगार की तलाश में निकली बंगाल की युवती भटकते हुए छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला पहुंच गई।

अनजान जगह में उसके लिए संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर सहारा साबित हुआ। वह यहां पूरी तरह से सुरक्षित महसूस की। सखी सेंटर में युवती को न सिर्फ सुरक्षित आसरा मिला बल्कि सेंटर ने अथक प्रयास कर उसे उसके परिवार से भी मिला दिया। इससे उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।

उसके केवल बंगाली भाषा को समझने और समझाने में सफल रहे
जानकारी मिली कि युवती बंगाल की रहने वाली थी। उसे केवल बंगाली भाषा का ज्ञान था। वह दूसरी भाषा बोलने और समझने में सक्षम नहीं थी। भटकते हुए पाए जाने पर युवती को चाम्पा थाना के माध्यम से सखी वन स्टॉप सेंटर जांजगीर लाया गया। यहां उसे तत्काल अस्थाई आश्रय प्रदान करते हुए उसके भोजन और रहने का प्रबंध किया गया। सखी स्टॉफ ने युवती की बातों को समझने तथा उसे अपनी बातें समझाने का प्रयास किया गया।

रोजगार की तलाश में घर से निकली और भटक गई
सखी सेंटर के आश्रय में युवती से जानकारी मिली कि वह पश्चिम बंगाल के मध्यम के उदयराजपुर की निवासी हैं, जो बारासात थाने के अंतर्गत आता है। वह रोजगार की तलाश में घर से निकली थी, किंतु वह भटक गयी। सखी जांजगीर द्वारा पश्चिम बंगाल में कई लोगों से संपर्क कर युवती के निवास स्थान व उसके परिवार का पता लगा लिया गया। इसके बाद युवती के भाई को पूरी जानकारी देते हुए सखी कार्यालय बुलाया गया।

युवती के भाई ने राज्य सरकार का आभार माना
युवती के भाई ने जांजगीर के सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचकर युवती की सुपुर्दगी ली। युवती के भाई ने सखी सेंटर में उसकी बहन का ध्यान रखने और उसकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार और सेंटर के लोगों का आभार व्यक्त किया है।

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