रायपुर। फ्रंट लाइन वर्कर्स को जल्दी से जल्दी बूस्टर डोज लगाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब निजी अस्पतालों में भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके तहत कोमॉर्बिडिटी वाले बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कोरोना रोधी टीके के प्रीकॉशनरी डोज की शुरुआत सोमवार से की गई है। पहले दिन प्रदेश भर में करीब 60 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया गया।

बता दें कि सोमवार से रायपुर के निजी अस्पतालों में भी बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए तीन दिनों का रोस्टर बनाया गया है, जिसके मुताबिक वहां टीकाकरण होगा।

रायपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने एक पत्र में इसकी जानकारी दी है। उसके अनुसार यहां के निजी चिकित्सालयों में टीकाकरण केंद्र संचालित किए जाने हैं। संबंधित संस्थाओं के संचालकों से कहा गया है कि वे अपने अस्पतालों में टीकाकरण दल के बैठने के स्थान, टीका लगाने आए लोगों के लिए वेटिंग रूम और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था प्रबंधन करे।

फिलहाल सीएमएचओ कार्यालय ने 13 जनवरी तक के लिए 55 अस्पतालों में टीकाकरण का रोस्टर तैयार किया गया है। इसके मुताबिक ऐसे अस्पतालों में टीकाकरण दल बैठेगा। जिला प्रशासन ने सोमवार से बूस्टर डोज के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों सहित 37 केंद्र शुरू किए थे। यहां बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वर्कर्स ने भी टीके की एक अतिरिक्त खुराक लगवाई।

इन्हें मेलेगा बूस्टर डोज
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यह बूस्टर डोज 60 साल या उससे अधिक के लोगों को लगना है जिन्हें गंभीर बीमारी भी है। कोरोना संक्रमण के सबसे बड़े खतरे में काम कर रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीके की यह खुराक लगाई जानी है। छत्तीसगढ़ में 16 लाख से अधिक बुजुर्ग, तीन लाख 39 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों और 3 लाख 20 हजार के करीब फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगेगा।

दूसरे डोज से इतने महीने का अंतर आवश्यक
बता दें कि जिन लोगों को कोवैक्सीन लगा है उन्हें अतिरिक्त डाेज के तौर पर कोवैक्सीन दी जाएगी। टीके ही यह अतिरिक्त खुराक उन्हें ही लगाई जाएगी जिन्होंने अपने रेग्युलर कोरोना टीके की दूसरी डोज कम से कम 9 महीने पहले लगवा ली हो। यानी दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच 9 महीने का अंतर जरूरी है। वहीं जिन लोगों को कोविशील्ड का टीका लगा था, उन्हें अब कोवीशील्ड ही लगाया जा रहा है।

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