जगदलपुर। भारतीय वायु सेना के पूर्व जेडब्ल्यूओ राजेंद्र कुमार शर्मा के निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरे किए। उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के अधिकारियों को सौंपा।

बस्तर संभाग के जगदलपुर शहर बोधघाट कालोनी में रहने वाले भारतीय वायुसेना के पूर्व जेडब्ल्यूओ के अधिकारी ने डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में अपने पार्थिव शरीर को दान करने के लिए फॉर्म भरा था। निधन के बाद उनका शरीर कॉलेज को सौंप दिया गया है। ऐसा कर उन्होंने मिसाल पेश की है।

शव दान के लिए कॉलेज पहुंचे परिजनों ने बताया राजेंद्र कुमार शर्मा का जन्म पंजाब के अमृतसर में 12 सितंबर 1945 को हुआ था। वे साल 1964 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे। इसके बाद साल 1965 व 1971 के युद्ध मे साहस से लड़ाई लड़े।

परिजन के अनुसार हमेशा से लोगों के प्रति स्नेह और लगाव के कारण उन्होंने अपने 63वें जन्मदिन के अवसर पर अपने परिजनों को अपने देहदान करने की इच्छा जाहिर की। ऐसा करना उनका उद्देश्य था कि उनके दिए गए शरीर से मेडिकल कॉलेज के छात्र आगे की पढ़ाई के साथ ही शोध के लिए प्रयोग कर सकें।

जानकारी अनुसार 6 अक्टूबर 2008 को उन्होंने अपने शरीर को दान करने के लिए पत्र भरा और जगदलपुर डिमरापाल मेडिकल कॉलेज को शरीर दान करने की शपथ 2021 में ली। बता दें कि 1971 के युद्ध की स्वर्ण जयंती मनाई गई थी जिसमें उनका सम्मान किया गया था। वहीं देश मे मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के मौके पर 1971 के युद्ध के नायक होने के चलते उनका सम्मान भी किया गया।

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