अंबिकापुर। घायल, विकलांग पशुओं को संरक्षण देने के लिए संभाग में एक अच्छी पहल की जा रही है। दोस्तों के साथ मिलकर प्रथम पशु पुनर्वास केंद्र की शुरूआत की गई है। स्नेक मैन सत्यम ने इस नेक काम की शुरूआत की है। अच्छी सोच के साथ शुरू किए गए ऐसा स्थान बनेगा जो पूरे संभाग के पशुओं का आश्रय केंद्र होगा।

बता दें कि इसके तहत बड़ी जिम्मेदारी निभाने की सोची है। सत्यम की संस्था नेचर कंजर्वेशन सोसायटी ऑफ छत्तीसगढ़ ने घायल पशुओं को बचाने का बीड़ा उठाया है। सत्यम ने जानकारी दी कि घायल पशुओं के उपचार के बाद उन्हें यूं ही छोड़ दिया जाता है। शहर में उनके रखने तक की व्यवस्था नहीं है।

लगातार आवेदन लगाए, पर कोई सहयोग नहीं मिला
जानकारी दी गई कि अगर किसी गाय को रेबीज हो जाए तो वह इधर-उधर गिरती, भटकती, तड़प-तड़प कर मर जाती हैं, पर उसे दफनाने के लिए भी नगर निगम ने स्थान देने की ओर कभी ध्यान नहीं दिया। सत्यम इसके लिए एक साल से लगातार चक्कर काट रहा था। उन्होंने जनदर्शन में कलेक्टर को बार-बार आवेदन दिया। महापौर, वेटनरी विभाग, संभाग आयुक्त सहित सभी मंत्रियों से भी कोई मदद नहीं मिली।

..फिर बनाई ऐसी योजना
सत्यम ने बताया अंत में वह अपने साथियों के साथ मिलकर संभाग का प्रथम पशु पुनर्वास केंद्र खोलने की सोची, इसके लिए लगातार प्रयास किया। जहां लगभग 100 से अधिक पशुओं का संरक्षण किया जाएगा। जहां इस पशु गृह में पशुओं का हर तरह से उपचार के साथ देखभाल किया जाएगा।

कुछ महीनों में 15 गाय, कुत्ते की मौत
बता दें कि क्षेत्र में पशु चिकित्सालाय की लापरवाही से 7 दिनों में 15 पशु मारे गए। बताया कि SPCA के अन्तर्गत सत्यम ने कई बार पशु गृह निर्माण के लिए आवेदन दिया, परंतु कलेक्टर संजीव झा द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गई। हालत ऐसी है कि हाल ही में ठंड की चपेट में आकर पशु चिकिसलय के अंदर ही 15 गाएं, बैल और कुत्तों की मौत हो चुकी है।

संचालन के लिए लेंगे सभी से सहयोग
सत्यम चाहते हैं कि अकेले इतने जीवों को संभालने में बड़ी राशि की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा है इसके लिए सभी से सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा है कोई भी घायल पशु को इस पशु पुनर्वास केंद्र में आश्रय दिला सकता है। इस संबंध में इस 9074123714 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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