रायपुर। एसीबी/ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने निलंबित आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी गुरजिंदर पाल सिंह की लीना अग्रवाल की कोर्ट से 5 दिनों की रिमांड की मांग की थी। विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने आवेदन पर सहमति जताते हुए चार दिन की रिमांड बढ़ा दी है।

एसीबी/ईओडब्ल्यू ने सिंह से पूछताछ जारी रखने के लिए रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। इसलिए निलंबित आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी गुरजिंदर पाल सिंह की रिमांड अवधि बढ़ा दी गई है।

1994 बैच के निलंबित आईपीएस अफसर और एडीजीपी रैंक के पुलिस अधिकारी जीपी सिंह 12 जनवरी से पुलिस रिमांड पर हैं। जानकारी अनुसार निलंबित एडीजीपी अधिकारी जीपी सिंह के खिलाफ जुलाई में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। वहीं रायपुर पुलिस ने राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया था। तब से वे फरार चल रहे थे।

बता दें कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने निलंबित जीपी सिंह को विवेचना में उपस्थित होने के लिए कई नोटिस जारी किए, पर वे विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे थे ना और ना ही ईओडब्ल्यू कार्यालय में हाजिर हो रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज करते हुए उन्हें कोई राहत नहीं दी थी।

बता दें कि निलंबित जीपी सिंह ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज मामले में हुए एफआईआर को खारिज करने उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से मामले की विवेचना कराने याचिका दायर की थी। याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। तब से वे फरार चल रहे थे। दो दिनों पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लाया गया था।

उल्लेखनीय है कि एसीबी ने आयकर विभाग के इनपुट पर अनुपातहिन संपत्ति की जांच के लिए 1 जुलाई की सुबह 6 बजे एडीजी जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगला सहित 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। लगभग 64 घंटे तक लगातार चली जांच के दौरान एसीबी की टीम को उनकी 10 करोड़ की अनुपातहिन संपत्ति का पता चला था।

एसीबी की रेड के दौरान जब्त दस्तावेजों के आधार पर रायपुर पुलिस ने सिंह के खिलाफ राजद्रोह का भी केस दर्ज किया था।

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