रायपुर। राष्ट्रीय बालश्री सम्मान से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय युवा वायलिन वादक के रोहन नायडू को एशिया के इकलौते इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। रोहन नायडू को पीएचडी की यह उपाधि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ द्वारा ‘हिन्दुस्तानी संगीत की वाद्यवृन्द रचनाओं में गज वाद्यों का प्रयोग – एक विश्लेषणात्मक अध्ययन’ विषय के लिए दी गई। रोहन ने अपना शोध कार्य इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के डीन एवं प्रोफेसर डॉ. हिमांशु विश्वरूप के निर्देशन में पूर्ण किया है। रोहन की इस उपलब्धि पर भारत के सुविख्यात कलाकारों, गुरूजनों, संगीत एवं कला जगत की विभूतियों और कला-संगीत प्रेमियों ने अपनी बधाई प्रेषित की है ।

जानें क्या हैं बालश्री सम्मान
राष्ट्रीय बालश्री सम्मान 9 से 16 वर्ष के आयु वर्ग के रचनात्मक बच्चों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत्त सम्मान है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्वायत्त निकाय द्वारा राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा दिए जाने वाले सम्मान में एक पट्टिका, एक प्रमाण पत्र शैक्षिक संसाधन और नकद पुरस्कार सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय बालश्री सम्मान प्रायः नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। बालश्री सम्मान भारत के तीन राष्ट्रपति पुरस्कारों में से एक है, बालश्री देश का सर्वोच्च बाल पुरस्कार हैं।

बचपन में जाकिर हुसैन से हुए प्रेरित
साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों बालश्री अवॉर्ड से सम्मानित रोहन नायडू ने बताया कि बचपन में जाकिर हुसैन को एक विज्ञापन में तबला बजाते देखा, वहीं से संगीत के प्रति मेरा इंट्रेस्ट बढ़ा। पिता ने भी हौसला बढ़ाया। तबला के साथ सिंगिंग भी करने लगा। फिर वायलिन भी सीखने लगा। इसके बाद वायलिन में ही करियर बनाने का फैसला किया। रोहन वर्तमान में  अतिथि व्याख्याता वायलिन इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।

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