Railways haRail roko movement in Firozpur also affected in Chhattisgarhs canceled these trains from Durg, Raipur and Bilaspur routes.

रायपुर। देश भर में कृषि उत्पादों की तेज ढुलाई के लिए किसान रेल चलाई जा रही है। यह रेल कोरोना काल के दौरान शुरू हुई और समय-समय पर इसके संचालन से किसानों को काफी फायदा होता है। इस बार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बीच 10 फेरे के लिए 23 जनवरी से किसान रेल चलाई जाएगी।

इस ट्रेन से उत्तर प्रदेश के किसानों फल एवं सब्जियां ढुलाई सुरक्षित व कम कीमत पर कर सकेंगे। इस ट्रेन से किसानों के साथ उपभोक्ताओं को ही काफी फायदा होगा। सड़क परिवहन की अपेक्षा रेल मार्ग से खेती किसानी के उत्पादों की ढुलाई अछ्ची और समय बचाने वाली है। भारतीय रेलवे द्वारा किसानों को मदद करने के उद्देश्य से देशभर में कृषि इस ट्रेन को चलान के निर्णय लिया गया। इससे किसानो को काफी फायदा हो रहा है।

किसान रेल में कृषि उत्पादों के परिवहन करने के किसानों का काफी समय बचेगा। सड़क परिवहन के दौरान उपज खराब होने का डर किसानों के मन में बना रहता था। इससे पहले मध्यप्रदेश के छिंदवाडा से हावड़ा के मध्य तीन फेरे के लिए किसान रेल चलाई गई थीं। कोरोना काल के दौरान चली इस ट्रेन को किसानों से बेहतर रिस्पांस मिला था। पूर्व के मिले रिस्पांस को देखते हुए इस बार 23 जनवरी से किसान चलाने की योजना बनाई गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस ट्रेन को भी प्रतिसाद मिलेगा।

23 जनवरी को मैनपुरी से बिलासपुर के बीच दौड़ने वाली किसान रेल 20 पार्सल वाहन, दो एसएलआर सहित 22 कोच के साथ चलेगी। यह 23 जनवरी से प्रत्येक रविवार को मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) से सुबह 6:30 निकलेगी। जो गुड्स मार्शलिंग यार्ड में 11 बजकर 10 मिनट में पहुंचकर 11.40 बजे वहा से रवाना होगी। इसी तरह बांदा जंक्शन में 14:35 बजे पहुंचकर 14:45 बजे, सतना 18:30 बजे पहुंचकर 18:40 बजे, कटनी 21:25 बजे पहुंचकर 21:35 बजे रवाना होकर बिलासपुर रेलवे स्टेशन में अगले दिन सुबह 5:30 बजे पहुंचेगी।