नई दिल्ली। सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बुधवार को परिवार की समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल होकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा भूचाल पैदा कर दिया है। परिवार की पार्टी को छोड़कर अपर्णा के भाजपा में शामिल होने के कई मायने लगाए जा रहे हैं। दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

सदस्यता ग्रहण करने के बाद अपर्णा ने कहा कि मेरे लिए राष्ट्र हमेशा से प्राथमिकता रहा है। मैं पीएम मोदी के कामों की प्रशंसक रही हूं। वह मंगलवार को दिल्ली पहुंच गई थीं और उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात की। अपर्णा यादव का भाजपा में शामिल होना समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के लिए तगड़ा झटका है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने कहा था कि परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं दिया जाएगा।

अपर्णा साल 2017 में लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं लेकिन हार गई थीं। तब भी उन्होंने अपने ही लोगों को हराने के लिए जिम्मेदार माना था। हालांकि, उस हार के बाद भी उन्होंने कैंट में अपना काम करना जारी रखा। इस बार भी वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार थीं, लेकिन सपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

मुख्यमंत्री योगी के लगातार रहीं सपर्क में  

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपर्णा को लखनऊ में अपनी गोशाला में बुलाया था। बताया जा रहा है कि अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने की एक वजह यह भी है कि समाजवादी पार्टी में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से उनका टिकट तय नहीं किया था।

हालांकि, भाजपा के लिए भी उन्हें इस सीट से टिकट देना आसान नहीं होगा। दरअसल, कांग्रेस से बीजेपी में आईं पूर्व कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी इस सीट से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रही हैं। रीता बहुगुणा जोशी इस सीट से जीतती रही हैं। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने के बाद उन्होंने 2017 में यहां से चुनाव जीता और फिर 2019 में लोकसभा लड़ने के लिए सीट छोड़ दी।

उपचुनाव जीतने वाले मौजूदा बीजेपी विधायक सुरेश चंद्र तिवारी भी यहां से टिकट के मजबूत दावेदार हैं। उधर, सपा की ही युवा नेता सौम्या भट्ट इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। सौम्या लखनऊ में एक शिक्षण संस्थान चलाती हैं और उनकी पहचान भी एक सामाजिक कार्यकर्ता की भी है। सौम्या को डिंपल यादव और अखिलेश यादव का करीबी भी माना जाता है।

By admin