रायपुर। जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। प्रदेश की 16 जिला स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से मिली मान्यता मिल गई। वहीं आठ जिलों की जल प्रयोगशालाओं को मान्यता दिलाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

16 जिलों में दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा, रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, मुंगेली, कांकेर एवं जगदलपुर जिला शामिल है। शेष बचे आठ जिलों की मान्यता के लिए NABL को आवेदन कर दिया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों के एफटीके के माध्यम से परीक्षण के क्षेत्र में राज्य द्वारा नए कीर्तिमान रचते हुये 11,642 (99.8 प्रतिशत) ग्राम पंचायतों में ट्रेनिंग कार्यक्रम पूर्ण किया जा चुका है। अब तक 11.642 ग्राम पंचायतों में 79,689 महिलाओं को ‘जल बहिनी‘ के रूप में जल परीक्षण की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

अब तक राज्य में 7,66,733 परिवारों (15.78 प्रतिशत) को घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराये जा चुके हैं तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों अनुरूप जल जीवन के माध्यम से एक अप्रैल 2021 के बाद अब तक दो लाख परिवारों को घरेलु कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। अब तक राज्य के कुल 132 ग्रामों के शत प्रतिशत परिवारों को क्रियाशील घरेलु नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है।

जल जीवन मिशन के अंर्तगत संचालित होने वाली नल जल योजनाओं के संचालन संधारण कार्य हेतु कौशल प्रशिक्षण के रूप में 19 जिलों के 1471 युवाओं को जल मितान के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, तथा लगातार प्रशिक्षण कार्य जारी है।

23 दिसंबर से 26 जनवरी तक जल जीवन मिशन के अंर्तगत राज्य में सोशल मीडिया कैम्पेन चला कर जन आन्दोलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें “आज पानी की क्या कहानी है‘‘ के तहत विभिन्न जिलों में प्रतिदिन हो रहे बेस्ट प्रैक्टीस एवं पेयजल से संबंधित जन जागरूकता के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

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