जशपुर। प्रदेश में धान तस्करी रूक नहीं रही है। इधर प्रशासन भी लगातार नजर रखे हुए है। झारखण्ड और उड़ीसा की सरहद पर बसे जशपुर में धान के बिचौलियों और कोचियों पर प्रशासन ने सख्ती तेज कर दी है। बीती रात झारखण्ड की सरहद से लगे ग्राम दुलदुला में धान तस्करी का एक और मामला सामने आया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में चल रही धान खरीदी का को कोचिए लाभ उठाना चाहते हैं। इसलिए दूसरे प्रदेश के कोचिए यहां के कोचिए के साथ मिलकर धान खपाने के फिराक में है। बिचौलियों की इसमें बड़ी भूमिका है। कार्रवाई में पड़ोसी राज्यों से लाए जा रहे धान लगातार जब्त किए जा रहे हैं। सभी मार्गों पर अधिकारी व पुलिस की नजर है।

ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है। जानकारी अनुसार दुलदुला के किसी स्थानीय कांग्रेस नेता के करीबी रिश्तेदार के द्वारा झारखण्ड के धान को दुलदुला धान मंडी में खपाने के उद्देश्य से पिकअप से भर कर झारखण्ड से धान लाया जा रहा था।

अधिकारियों ने किया पिकअप का पीछा
इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो अधिकारी सक्रिय हो गए और पिकअप का पीछा करने लगे, लेकिन पिकअप चालक ने प्रशासन के अधिकारियों की परवाह किए बगैर पिकअप को रोकने की बजाय तेज गति से दौड़ाने लगा। इस दौरान प्रशासन की गाड़ी उसका पीछा करती रही। बताया जा रहा है कि धान की बोरियां भरकर भाग रहे पिकअप के चालक ने इस बीच कई बार गाड़ी अड़ा कर अधिकारियीं को डराने की भी कोशिश करता रहा, लेकिन आगे कुछ दूर जाकर वह पकड़ में आ ही गया।

गाड़ी में रखा था 45 बोरा धान
तहसीलदार लक्ष्मण राठिया ने बताया कि पिकअप चालक का नाम उमेश यादव है। गाड़ी में लगभग 45 बोरी धान रखा हुआ था। धान ढोढ़ी आरा गांव के किसी उग्रसेन यादब के लिए ले जाया जा रहा था। धान से भरी गाड़ी को दुलदुला थाने में जप्त करवा कर थाने में रखा गया है। सूत्रों के अनुसार खबर ये है कि उग्रसेन यादव किसी स्थानीय कांग्रेसी नेता का करीबी रिश्तेदार है।

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