लोरमी। मुंगेली जिले के लोरमी खुड़िया धान उपार्जन केंद्र में एक ऐसा मामला आया है जहां धान की खरीदी हुई ही नहीं और रिकॉर्ड में आठ लाख का धान दिखाया गया है। मामले पर जब शिकायत हुई, तो मामला सही पाया गया। इस फर्जी धान खरीदी के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया गया है।

शिकायत के आधार पर आनन-फानन में लोरमी की एसडीएम मेनका प्रधान, नायब तहसीलदार राहुल कौशिक सहित राजस्व विभाग की टीम ने दस्तावेजों की जांच की थी। कागजातों की जांच में धान खरीदी का मामला फर्जी पाया गया। बता दें कि 27 दिसंबर 2021 को 13 किसानों के धान की कागजों में ही फर्जी खरीदी का मामला उजागर हुआ था।

बीते दिनों कुछ किसानों ने खुड़िया धान खरीदी केंद्र में धांधली करने की शिकायत ने की थी। उसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों ने जांच शुरू की थी। जांच में खुड़िया धान उपार्जन केंद्र के खरीदी प्रभारी जलेश्वर कुलमित्र, बारदाना प्रभारी भूषण जायसवाल सहित कंप्यूटर ऑपरेटर संदीप जयसवाल को दोषी पाया गया।

मामले में जांच की प्रक्रिया पूरी करते हुए लोरमी एसडीएम ने मुंगेली कलेक्टर कार्यालय में जांच रिपोर्ट सौंपा। जांच में दोषियों के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर मुंगेली कलेक्टर अजीत वसंत ने कार्रवाई के आदेश दिए। उसके बाद हेराफेरी करने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ खुड़िया पुलिस सहायता केंद्र में मामला दर्ज कर लिया गया है।

लोरमी की एसडीओपी माधुरी धिरहि ने फर्जी खरीदी मामले पर बताया खुड़िया धान उपार्जन केंद्र में कागजों पर ही 815 बोरा कुल 326 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। उन्होंने बताया कि इस धान की अनुमानित कीमत लगभग 8 लाख 15 हजार बताई जा रही है। पुलिस में हेराफेरी करने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बता दें कि पूरे प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाले धान की तस्करी रोकने के लिए प्रशासन सतर्क है। लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं बारिश के कारण भीगे धान की वजह से खरीदी केंद्रों को बड़ा नुकसान हुआ है। इधर केंद्र के कर्मचारी ही सरकार को चूना लगाने में लगे हुए हैं।

By admin