रायपुर। पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने विभिन्न रेलवे जोन और मंडलों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि आम लोगों के लिए रेलवे अस्पतालों और बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे के उपयोग को सुविधाजनक बनाया जाए। रेलवे द्वारा स्वीकृत आक्सीजन संयंत्रों में से 78 संयंत्र वर्तमान में सक्रिय है। वहीं 17 संयंत्रों को जल्द शुरू कर लिया जाएगा।  भविष्य में देश के किसी भी राज्य में आक्सीजन की कमी होती है तो रेलवे द्वारा उन राज्यों में तत्परता के साथ आक्सीजन पहुंचाया जाएगा।

वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीके त्रिपाठी, बोर्ड के सदस्य, रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सभी जोनल रेलवे/पीयू के महाप्रबंधक (जीएम) और मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) शामिल हुए। बैठक में एसईसीआर बिलासपुर के जीएम आलोक कुमार, बिलासपुर डीआरएम आलोक सहाय, रायपुर डीआरएम एसएस गुप्ता भी शामिल हुए।

समीक्षा बैठक में रेलमंत्री वैष्णव ने कोविड तैयारी से संबंधित कई पहलुओं की जांच पड़ताल की। उन्होंने रेलवे अस्पताल का बुनियादी ढांचा, बाल चिकित्सा वार्ड में कामकाज, रेलवे के कर्मचारी और उनके बच्चों का टीकाकरण और रेलवे के फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देने का प्रावधान, दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, जिओलाइट स्टॉक और अन्य आवश्यक चिकित्सा सहायता और वेंटिलेटर की कार्यप्रणाली, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक और अन्य उपकरण जो कोविड उपचार में महत्वपूर्ण हैं, ऑक्सीजन संयंत्रों को चालू करना (कुल स्वीकृत ऑक्सीजन संयंत्रों में से 78 पहले ही शुरू हो चुके हैं और 17 चालू होने बाकी हैं।

स्टेशनों में चलेगा जागरूकता अभियान

कोरोना को लेकर लोगों को जागरुक करने देश के सभी स्टेशनों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर मास्क लगाने, हाथों की सफाई और अन्य एहतियाती उपायों के बारे में बारंबार घोषणाएं की जाएगी। रेलवे स्टेशनों पर बिना मास्क के लोगों के प्रवेश को रोकना या उन्हें हतोत्साहित किया जाएगा। मास्क पहनने और अन्य एहतियाती उपायों को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा। कोविड की वर्तमान स्थिति के दौरान आपात स्थिति में/के लिए विशेष स्टेशनों के संचालन और/या रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों/प्रवासियों की संख्या में अचानक वृद्धि की समीक्षा भी की जाएगी।

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