रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजना में 2201 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं। इससे गांवों की बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार भी मिला है। महिलाएं यहीं से कंपोस्ट खाद के साथ ही गायों के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था कर रही हैं।

बता दें कि महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक में अच्छा परिणाम आने लगा है। अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7889 गौठानों में से 2201 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं। जहां गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं।

रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 249 गौठान
योजना का लाभ उठाते हुए रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 249 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं। दूसरे नंबर पर महासमुन्द एवं कोरबा जिले में 170-170 गौठान तथा तीसरे क्रम पर कबीरधाम जिले में 141 गौठान स्वावलंबी हुए हैं।

इन जिलों में भी गाठान स्वावलंबन की ओर
कृषि विभाग के अनुसार गरियाबंद जिले में 25, धमतरी में 80, बलौबाजार में 84 तथा रायपुर जिले में 75, दुर्ग में 86, बालोद में 67, बेमेतरा में 66, राजनांदगांव जिले में 101, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 25, जांजगीर-चांपा में 105, बिलासपुर में 76, मुंगेली में 62, कोरिया में 73, जशपुर में 70, बलरामपुर में 55, सरगुजा में 65, सूरजपुर में 56, कांकेर में 104, कोण्डगांव में 46, दंतेवाड़ा में 35, नारायणपुर में 6, बस्तर में 35, बीजापुर में 22 तथा सुकमा जिले में 52 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।

पशुधन के संरक्षण के साथ गोबर व खाद वहीं से
अब तक 7889 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है। गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अब तक 10591 गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी है। वहां पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। वर्ममान में 2328 गौठानों का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। बचे 374 गौठानों के निर्माण का काम अभी शुरू कराया जाना है।

हरे चारे की भी व्यवस्था यहीं से
गौठानों में पशुधन का देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर पशुधन के चारे के लिए किसानों द्वारा पैरा दान किया जा रहा है। अब तक 7 लाख 32 हजार 886 क्विंटल से अधिक पैरा गौठानों में दान के माध्यम से संग्रहित किया गया है। इसका मूल्य 200 रुपए प्रति क्विंटल के मान से 14 करोड़ 65 लाख के लगभग है। इसके अलावा गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे के इंतजाम के लिए हाईब्रिड नेपियर ग्रास का रोपण एवं अन्य चारे की बुआई भी की गई है।

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