रायपुर। निलंबित आईपीएस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ईओडब्ल्यू के अफसर जीपी सिंह से लगातार पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन सिंह साजिश, संपत्ति और मददगारों की राज खोलने में अफसरों की मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सच्चाई उगलवाने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं।

बता दें कि निलंबित एडीजी और आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह जीपी ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम के कब्जे में है। उनके मोबाइल को डिकोड करने में अफसरों को पसीना आने लगा है। उनके 11 घंटे में कोई भी राज नहीं उगलवाई जा सकी है।

आय से अधिक संपत्ति के मामले में जीपी सिंह का बयान लेने टीम लगी हुई है, लेकिन निलंबित एडीजी जीपी सिंह सवालों से बचते रहे। जीपी सिंह के पास बरामद मोबाइल का मास्टर लॉक अब तक नहीं खुला है। जीपी सिंह पेनड्राइव की जानकारी देने से इनकार कर दिया है। अब तक ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम को कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है। जब्त मोबाइल का कोड बताने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अफसर फॉरेंसिंक टीम की मदद ले सकते हैं।

निलंबित एडीजी जीपी सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 2 दिनों की रिमांड पर लिया है। निलंबित एडीजी जीपी सिंह की एक दिन की रिमांड पूरी हो चुकी है। एसीबी/ईओडब्लू को कल शाम 5 बजे तक जीपी सिंह को कोर्ट में पेश करना होगा। जानकारी के मुताबिक एसीबी मुख्यालय में लगभग 11 घंटों तक चली पूछताछ के बाद भी जीपी सिंह ने मोबाइल का मास्टर कोड देने से इनकार कर दिया है।

बता दें कि छ्त्तीसगढ़ से फरार घोषित किए जाने के बाद से जीपी सिंह की गतिविधियों पर एसीबी और मुखबीर नजर रखी थी। एसीबी की टीम अब इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि इतने दिनों तक सिंह को फरारी कटवाने में उनकी मदद किस-किस ने की है। फरारी के दौरान कौन-कौन व्यक्ति जीपी सिंह के संपर्क में था। एसीबी की टीम कई मामलों में अब भी साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है।

जवाब देने से पहले वकीलों को बुलाने की मांग
एसीबी मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि जीपी सिंह पूछताछ में किसी भी प्रकार की मदद नहीं कर रहे हैं। हर सवालों के जवाब से बचते नजर आ रहें है। इतना ही नही पूछताछ के दौरान जीपी सिंह ने अपने वकीलों को सामने बुलाने की मांग की है।

जब्तपेन ड्राइव, टैब इलेट्रॉनिक डिवाइस में छुपा है राज
सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान जीपी सिंह के बंगले से पेन ड्राइव, टैब, समेत कई इलेट्रॉनिक डिवाइस जब्त हुए थे। साथ ही गिरफ्तारी के दौरान भी स्मार्टफोन एसीबी के हाथ लगा है, जिसकी जानकारी जीपी सिंह से मांगी जा रही है। अगर जीपी सिंह सहयोग नहीं करते हैं तो फॉरेंसिक जांच की मदत ली जा सकती है। ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में उनके सहयोगियों समेत सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था, जहां 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था और 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई थी।

छापे में मिले थे आपत्तिजनक दस्तावेज
इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में जीपी सिंह पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी है, जो कोर्ट में विचाराधीन है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।

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