भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साकार संस्थापक ब्रह्मा बाबा की 53 वीं पुण्यतिथि मंगलवार 18 जनवरी को है। विश्व के पांचों महाद्वीपों के 140  देशों में विस्तारित साढे आठ हजार से भी अधिक  सेवाकेन्द्रों में विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में  मनाई जाएगी | इस दौरान बारह लाख से भी अधिक ब्रह्मा वत्स ब्रह्ममुहर्त  में सुबह से ही संगठित रूप से मौन रहकर राजयोग मेडिटेशन द्वारा विश्व में शान्ति का संदेश देंगे।

इस अवसर पर भिलाई दुर्ग ,रायपुर सहित छत्तीसगढ़  के सभी मुख्य सेवाकेन्द्रो में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साकार संस्थापक ब्रह्मा बाबा की 53 वीं पुण्यतिथि  के अवसर पर ब्रह्मा वत्स मौन में रह आत्मचिंतन  कर राजयोग की साधना के द्वारा स्वयं में परिवर्तन करेंगे| इस नए वर्ष को 1 जनवरी से 18 जनवरी तक “जीना है बाबा जैसे” तपस्या वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें देश विदेश के अनुभवी राजयोगी  वक्ताओं द्वारा मेडिटेशन क्लासेस ऑनलाइन संपन्न हुई। मंगलवार सुबह राजयोग सत्र ऑनलाइन संपन्न होगा एवं कोविड-19 के सुरक्षा  उपायों के अनुसार किया जाएगा। इस दौरान सभी सेवा केन्द्रों में  सावधानी एवं कोविड सुरक्षा  नियमों का पालन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने आध्यात्मिक ज्ञान व राजयोग के माध्यम से सन 1936 में  नारी शशक्तिकरण का बीज बोया जो आज विशाल वट वृक्ष बनकर सम्पूर्ण विश्व को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से शीतल छाया प्रदान कर रहा है। विश्व में शान्ति और सद्भावना के लिए कार्यरत ब्रह्माकुमारी संगठन ने आज सारे संसार में अपनी  एक अलग ही पहचान बनाई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में की जा रही उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए इसे यूनिसेफ तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में सलाहकार का दर्जा प्रदान किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1981 में विश्व शान्ति दूत पदक प्रदान कर भी सम्मानित किया।

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