देहरादून। छह साल पहले मार्च 2016 में आठ अन्‍य कांग्रेस विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हरक सिंह रावत को भाजपा ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उनके खिलाफ यह फैसला किया गया है।

ऐसे में माना जा रहा है कि सोमवार को वह दिल्ली में एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले यह उठा-पटक कई मायनों में अहम है। हरक सिंह रावत ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने उन्हें अपमानित किया है। अब भाजपा को हराने के लिए काम करूंगा।

उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस में शामिल होंगे या जनता के लिए काम करेंगे। बताते चलें कि रविवार देर रात भाजपा ने हरक सिंह रावत को छह साल के लिए पार्टी से निष्‍कासित कर दिया था। साथ ही मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया था।

सीएम धामी ने लिया आड़े हाथ

इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को आड़े हाथ लिया। सीएम धामी ने कहा कि भाजपा ने हरक सिंह रावत को कई मौके दिए हैं। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रावत पार्टी पर उनके परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। वह पार्टी से खुद के अतिरिक्त अपनी पुत्रवधू और अपने एक समर्थक को टिकट देने की मांग कर रहे थे। भाजपा परिवारवाद की नहीं, राष्ट्रवाद की पार्टी है। एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा।

उमेश शर्मा काऊ बोले, मरते दम तक भाजपा में ही रहूंगा

हरक सिंह रावत के करीबी विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी। मगर, उन्होंने साफ कर दिया है कि वह मरते दम तक भाजपा में ही रहेंगे।

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