रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई व्यवस्था लागू होने वाली है। जानकारी के अनुसार अब प्रदेश में स्कूलों, अस्पतालों और रिहायशी इलाकों से 100 मीटर दूर ही नई गौशालाएं खोली जा सकेंगी। साथ ही, अब डेयरी फार्म और गौशालाओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही नगरीय निकाय सीमा में स्थित डेयरी फार्म और गौशालाओं की सूची तैयार कर उसे हर साल पर्यावरण संरक्षण मंडल को भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल, डेयरी फार्म और गौशालाओं के पर्यावरण प्रबंधन के लिए अक्टूबर 2020 में एनजीटी ने आदेश पारित किया गया था। इस आदेश में संशोधन करते हुए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश के सभी निकायों से डेयरी फार्म और गौशालाओं में पशुओं और सुविधाओं की जानकारी जुटा रही है।

बता दें कि नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों के आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत के अफसर को पत्र लिखा है। डेयरी फार्म के वेस्ट मैनेजमेंट के लिए गोबर प्रबंधन, यूरीन वेस्ट मैनेजमेंट, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट, सिटिंग पॉलिसी और गौशालाओं के वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एनजीटी ने गाइड लाइन जारी की है। इसके अलावा डेयरी फार्म और गौशालाओं के लिए रेगुलेटरी या मॉनिटरिंग सिस्टम को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किया गया है।

अब जानकारी जुटाने में लगा विभाग
नगरीय प्रशासन विभाग निकायों के डेयरी फार्म और गौशालाओं में रखे गए पशुओं और उनसे संबंधित जानकारियां जुटा रहा है। साथ ही प्रदेश के किस निकाय में कितनी गौ शालाएं हैं, कितने डेयरी फार्म हैं। इसमें से कितने शहरी, शहरों के आस पास और ग्रामीण इलाकों में हैं या फिर कितने छोटे, मध्यम व बड़े आकार के डेयरी फार्म हैं। इसके अलावा डेयरी फार्म और गौशालाओं में कुल कितने जानवर हैं। कितने टन गोबर का हर दिन उत्पादन किया जाता है। कितनी गौ शालाएं हैं और कितने जानवर हैं।

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