रायपुर। केन्द्र सरकार द्वारा जून माह से राज्यों को मिलने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई बंद करने जा रहा है। इसके कारण देश के तमाम राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। इस बीच सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान आगामी 10 वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया है। सीएम ने कहा कि केन्द्र के इस निर्णय से छत्तीसगढ़ को सालाना 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बंद किए जाना, बड़ा आर्थिक नुकसान है, जब कि उत्पादक राज्य होने के नाते देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है, जो वस्तुओं व सेवाओं के अधिक उपभोग के कारण जीएसटी कर प्रणाली में लाभान्वित हुए हैं।

यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान जून 2022 के पश्चात नहीं दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ को आगामी वर्ष में लगभग 5 हजार करोड रुपए के राजस्व की हानि संभावित है। इसी प्रकार कई अन्य राज्यों को भी आगामी वर्ष राजस्व में कमी का सामना करना होगा। जिससे राज्य में चल रहे जनहित एवं विकास के कार्यों में राशि की कमी की व्यवस्था करना अत्यंत कठिन होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों के साथ दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय बजट 2022 -23 के पूर्व की चर्चा बैठक का भी उल्लेख किया है और कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों ने इस बैठक में  जीएसटी अनुदान को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था। राज्यों को इस संबंध में केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की अपेक्षा है।

जीएसटी के बाद राज्यों के अधिकार हुए सीमित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र के माध्यम से कहा है कि जीएसटी कर प्रणाली लागू होने के बाद राज्यों के अधिकार सीमित हो गए हैं। कोविड-19 के कारण राज्यों की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभावों से उबरने तथा जीएसटी कर प्रणाली के वास्तविक लाभ प्राप्त होने तक कम से कम वर्तमान क्षतिपूर्ति अनुदान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था केंद्र सरकार की ओर से करने की भी अपील की है।