रायपुर। भरी गर्मी में बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है बुधवार को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नया टैरिफ जारी किया है। नए टैरिफ के अनुसार छत्तीसगढ़ में बिजली 2.31% महंगी हो गई है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 10 पैसा तथा अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 15 पैसा बढ़ा दिया गया है।

बता दे छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन तीनों बिजली कंपनियों ने टेरिफ बढ़ाने की याचिका लगाई थी। बिजली कंपनी ने 2022 23 मई 1004 करोड़ रुपए के घाटे की पूर्ति के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी की प्रस्ताव दिया था। आयोग ने इसे घटाकर 386 करोड रुपए का घाटा स्वीकार किया।  इसके कारण बिजली दरों में औसतन 2.31% की वृद्धि की गई है। यदि बिजली कंपनी के प्रस्ताव के मुताबिक 1004 करोड रुपए के घाटे की भरपाई की जाती तो औसतन 5.39% की वृद्धि होनी थी।

बदले हुए टैरिफ की नई दरें 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी कर दी गई हैं आने वाले बिल नए टैरिफ के अनुसार ही आएगा। इसके साथ ही अब उपभोक्ताओं का अतिरिक्त बिल चुकाना होगा। आइए जानते हैं बदले टैरिफ के बाद क्या होगा बिल पर असर…..

बिजली की पिछली दर 5 किलोवॉट तक 3.60 रुपया प्रति यूनिट निर्धारित किया गया था। 101 से 200 यूनिट तक 3.80 रुपया प्रति यूनिट की दर का स्लैब था। 5 से 10 किलोवॉट तक 201 से 400 यूनिट तक 5.20 रुपया प्रति यूनिट का स्लैब रखा गया। इसके अलावा 401 से 600 यूनिट तक 6.20 रुपया प्रति यूनिट की दर निर्धारित थी।

नया टेरिफ लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 10 रुपए अधिक देने होंगे। एक हजार यूनिट खर्च पर यह 100 रुपए ज्यादा बिल देना होगा। टैक्स व अन्य करों के साथ यह और ज्यादा हो सकता है। मान लीजिए यदि आप एक माह में 300 यूनिट बिजली खपाते हैं और आपका बिल 900 रुपए रुपए आ रहा है तो अब यह बिल 950 रुपए का हो जाएगा।

इन्हें मिलेगा छूट का लाभ
नई दरें लागू होने के बाद भी कुछ क्षेत्रों में छूट का प्रावधान यथावत रखा गया है। इस दौरान गैर सब्सिडी वाले कृषि पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20% की छूट जारी रहेगी। खेतों में लगे बिजली के मोटर पंप और खेतों की रखवाली के लिए 100 वॉट के भार के उपयोग की सुविधा प्रभावी है।

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर विकास प्राधिकरण और सरगुजा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित बिजली दरों में 7% की छूट तथा महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित गतिविधियों में ऊर्जा प्रभार पर 10% की छूट जारी रहेगी।