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नई दिल्ली। देश में कोरोना को लेकर नई मुसीबत सामने आई है। संक्रमण के नए वायरस में आंखों को लाल कर दे रही हैं। वहीं इससे जुड़े कई नई आश्चर्यजनक बातें भी सामने आई है।

पूरा विश्व पिछले दो साल से अधिक समय से वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना महामारी के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसमें कुछ हफ्तों से एक बार फिर उछाल देखा जा रहा है। नई रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में ज्यादातर कोरोना संक्रमितों को ओमिक्रॉन या उसके सब-वैरिएंट्स का शिकार पाया जा रहा है।

वैज्ञानिकों के अनुसार ओमिक्रॉन को अत्याधिक संक्रामकता वाला कोरोना वैरिएंट बताया जा रहा है, जो देशभर में फिर से चिंता बढ़ा दी है। कोरोना के मामलों में वृद्धि और वैरिएंट की संक्रामकता के आधार पर कई रिपोर्ट्स में देश में चौथी लहर की आशंका भी जताई जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश के कुछ हिस्सों से मिल रही अन्य प्रकार के संक्रमण की खबरों ने विशेषज्ञों के लिए मुसीबतों को और भी बढ़ा दिया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार कर्नाटक के एक अस्पताल में ब्लैक फंगस के चार संक्रमितों की पुष्टि की गई है। इसे म्यूकोरमाइकोसिस के नाम से भी जाना जाता है, यह एक गंभीर फंगल संक्रमण है। इसके लक्षण विशेषकर आंख, नाक और मस्तिष्क के हिस्सों में देखे जाते हैं।

इसमें म्यूकोरमाइकोसिस के कारण मृत्युदर अधिक माना जाता है। समय पर इस संक्रमण का इलाज न हो पाने की स्थिति में मृत्युदर का जोखिम 60 फीसदी तक हो सकता है। कर्नाटक के बैंगलोर में मिले ब्लैक फंगस के केस ने अन्य राज्यों को भी अलर्ट कर दिया है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के शिकार रहे कुछ लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस के मामले देखे गए थे।

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कोरोना के नए वायरस से संक्रमित मरीज चिकित्सकों की निगरानी में है।

रिपोर्ट्स के अनुसार बैंगलोर के एक अस्पताल में भर्ती चार मरीजों में ब्लैक फंगस संक्रमण के लक्षण दिखे हैं। अस्पताल के विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमितों में म्यूकोरमाइकोसिस और एस्परगिलम के संकेत देखे गए हैं जो अधिक गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इन चारों संक्रमितों के बारे में डॉक्टर्स कहते हैं चूंकि किसी में भी कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं, ऐसे में आरटीपीसीआर टेस्ट की आवश्यकता नहीं है। आश्चर्यजनक रूप से इन चारों में ऐसे जोखिम कारक भी नहीं हैं।

म्यूकोरमाइकोसिस के ये है खतरे
रिपोर्ट के मुताबिक म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक प्रकार का गंभीर फंगल संक्रमण होता है। आमतौर पर इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयों का सेवन करने वाले लोगों में इस संक्रमण का खतरा अधिक पाया जाता है, ऐसी दवाइयां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती हैं। मधुमेह जैसी बीमारियों के शिकार लोगों में इस संक्रमण का जोखिम अधिक होता है।

जानें म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण?
विशेषज्ञ के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस का संक्रमण कई प्रकार से शरीर को प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसके सबसे ज्यादा लक्षण आंखों और नाक पर देखने को मिलते हैं। संक्रमितों को बुखार, सिरदर्द, कफ, सांस लेने में कठिनाई, आंखों और नाक के आसपास दर्द और लालिमा, कुछ लोगों को उल्टी के साथ खून आने की दिक्कत हो सकती है।

ऐसी भी परेशानी
इससे जुड़े चिकित्सकों के मुताबिक कुछ रोगियों में चेहरे पर सूजन की भी समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह फंगस हमारे वातावरण में हमेशा मौजूद रहता है। जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो यह फंगस शरीर पर हमला कर देता है।